Mathura-Vrindavan: श्रीकृष्ण के दर्शन का बना रहे हैं प्लान तो मथुरा-वृंदावन के इन खास मंदिरों में जाना न भूलें

मथुरा-वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण के सैकड़ों मंदिर हैं, लेकिन यहां आपको कुछ खास मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जहां दर्शन को जरूर जाना चाहिए.

डीएनए हिंदी: (Famous Temples in Mathura and Vrindavan) सनातन धर्म के सात पवित्र शहरों में से एक भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा-वृंदावन को श्रीकृष्ण का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान माना जाता है. यमुना नदी के तट पर बसा वृंदावन भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण ने अपना बचपन वृंदावन में बिताया था. यहां बड़ी संख्या में लोग भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करने आते हैं. मथुरा-वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण के एक नहीं बल्कि सैकड़ों मंदिर हैं जिनमें से सबसे प्रसिद्ध है बांके बिहारी मंदिर. इसके अलावा भी मथुरा-वृंदावन में कई मंदिर हैं जहां आपको भगवान का दर्शन जरूर करना चाहिए. चलिए जानते हैं इन खास मंदिरो के बारे में..

राधा रमण मंदिर

वृंदावन रेलवे स्टेशन से तकरीबन 2 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह राधा को प्रसन्न करने वाला मंदिर है. यहां राधा रानी के साथ-साथ भगवान कृष्ण को मूल शालिग्राम देवता के रूप में पूजा जाता है. इसके अलावा वृंदावन के इस राधा रमण मंदिर में गोपाल भट्ट की समाधि भी है. यह समाधि राधा रमण मंदिर के प्रकट स्थान के ठीक बगल में है.

प्रेम मंदिर

यह भव्य मंदिर राधा कृष्ण के साथ-साथ सीताराम के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस मंदिर का निर्माण जगतगुरु कृपालु महाराज ने 2001 में करवाया था. इस मंदिर में आरती के समय भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.  मंदिर की सजावट और मंदिर की खूबसूरती यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.

इस्कॉन मंदिर

वृंदावन का इस्कॉन मंदिर श्रीकृष्ण-बलराम को समर्पित हैं.  रमणरेती क्षेत्र में स्थित इस्कॉन मंदिर शहर का प्रमुख आकर्षण केंद्र है. यहां दिल्ली के साथ-साथ अन्य कई शहरों से अनेक भक्तों भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. वृंदावन के इस प्रसिद्ध मंदिर में भागवत गीता का पाठ होता है जिससे मंदिर में आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाते.

निधिवन

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर के साथ एक रहस्य जुड़ा है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण राधा और गोपियों के बीच नृत्य करते हैं. यहां आरती होने के बाद मंदिर के आसपास किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जाती. इसके अलावा निधिवन से जुड़ी एक और खास बात है कि यहां पेड़ों की शाखाएं ऊपर नहीं बल्कि नीचे की ओर बढ़ती हैं.