काम करते-करते बच्चे खुद-ब-खुद जिम्मेदार बन जाते हैं. आप भी कोशिश करें की अपने बच्चों से थोड़ा-थोड़ा काम करवाएं. ऐसा करने पर उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास रहता है.
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अगर शुरुआत से ही बच्चों को सही और गलत के बीच अंतर सिखाया जाए तो वह हमेशा अपनी जिम्मेदारी समझेंगे. बड़े होकर उनमें लापहरवाही करने की आदत नहीं आएगी.
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कोई भी काम करने पर ही आता है. ऐसे में अपने बच्चे को उसके खुद के फैसले खुद लेने दें. उदाहरण के लिए घूमने कब और कहां जाना है या स्कूल के चार्ट पर किस तरह की ड्रॉइंग करनी है. ऐसे फैसले उन्हें खुद लेने दें.
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बच्चे में आत्मविश्वास लाने के लिए जरूरी है कि पेरेंट्स उनपर भरोसा जताएं. ऐसा करने से उनमें आत्मविश्वास आता है और वह जिम्मेदार बन पाते हैं.