ओवरएक्टिव ब्लैडर को ओएबी (OAB) भी कहा जाता है. इसके कारण बार-बार और अचानक पेशाब करने की इच्छा पैदा होती है जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको 24 घंटे में कई बार यूरिनेशन के लिए जाना होगा.
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यूरिनरी ट्रैक्ट या ब्लैडर इंफेक्शन की वजह से भी बार-बार पेशाब आने लगता है. दरअसल, (यूटीआई) मूत्र प्रणाली का संक्रमण है. इस स्थिति के लक्षणों में दर्दनाक पेशाब, आपकी तरफ या पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस होना और बार-बार पेशाब आना शामिल है.
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बार-बार यूरिनेशन डायबिटीज का एक बहुत ही सामान्य लक्षण है. अगर आपको टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज है तो आपको इसकी शिकायत हो सकती है. क्योंकि डायबिटीज में आपकी किडनी ब्लड को फिल्टर करने के लिए ओवरटाइम करती हैं और इस वजह से आपको अधिक लिक्विड रिलीज करना होता है. ऐसे में जितना अधिक आप यूरिनेशन करेंगे उतना ही लिक्विड आपके शरीर से बाहर निकलता है.
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पुरुषों में प्रोस्टेट एक गोल्फ-बॉल के आकार की ग्रंथि है जो इजेक्युलेशन के दौरान निकलने वाले कुछ लिक्विड को बनाती है. ऐसे में जैसे-जैसे आप बढ़ते हैं आपका प्रोस्टेट बढ़ता है लेकिन अगर यह बहुत बड़ा हो जाता है तो यह समस्या पैदा कर सकता है. ऐसी स्थिति में बड़े प्रोस्टेट आपके यूरिनरी सिस्टम पर दबाव डाल सकता है जिससे बार-बार यूरिन आती है.
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लोगों को इंटरस्टिशियल सिस्टिटिस की वजह से भी बार बार पेशाब आता है. इस स्थिति में हल्की बेचैनी से लेकर गंभीर दर्द होता है. दरअसल यह स्थिति ब्लैडर सिंड्रोम के रूप में जानी जाने वाली बीमारियों के एक स्पेक्ट्रम का एक हिस्सा है.
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गर्भावस्था के दौरान भी बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है. क्योंकि, इस स्थिति में मूत्राशय सिकुड़ जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा शरीर के अंदर अधिक जगह लेता है.
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दरअसल चिंता मांसपेशियों में तनाव की वजह बनती है, जो ब्लाडर के मशल्स को प्रभावित करती है, जिससे बार-बार पेशाब करने की इच्छा होती है.