खुशी की अनुभूति दिलाने वाले हॉर्मोन्स को हैप्पी हॉर्मोन के नाम से जाना जाता है जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं. आइए जानते हैं हैप्पी हॉर्मोन कौन-कौन से होते हैं और इन्हें बढ़ाने के लिए क्या कर सकते हैं.
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यह हॉर्मोन तब ऐक्टिव होता है जब हमारे मस्तिष्क को यह संकेत मिलता है कि हमें पुरस्कार या सराहना मिली है. इसके घटने से किसी भी काम में मन नहीं लगता है. ऐसे में इसे बढ़ाने के लिए लक्ष्य को छोटा कर दें और ऐसे काम करें जिससे आपकी तारीफ हो सकती है. साथ ही स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रखें और पौष्टिक खाना खाएं.
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ये हॉर्मोन व्यक्ति के पाचन, नींद और हड्डी की सेहत को नियंत्रित करता है. साथ ही इसका मुख्य काम आपके मूड को स्थिर रखने का है. इसकी कमी से आप उदास रहने लगते हैं. इसे बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम करें और स्करात्मकता की ओर अधिक ध्यान केंद्रित रखें. साथ ही कुछ नया करने का प्रयास करते रहें.
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ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन के बढ़ने से प्रेम और विश्वास में बढ़ोतरी होती है. इसलिए इसे लव हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है. यह तब ऐक्टिव होता है जब आप किसी को गले लगाते हैं या किसी बच्चे अथवा पालतू जानवर के साथ खेलते हैं. इसे बढ़ाने के लिए परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं और घर के बच्चों के साथ जरूर कुछ समय खेलें. योग करने से भी व्यक्ति को लाभ होता है.
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एंडोर्फिंस हॉर्मोन तनाव और दर्द के अनुभूति को कम करने में मदद करता है. यह दिल को खुशी देने का कार्य करता है. यही कारण है कि इसके कम होने से मन उदास हो जाता है और किसी काम में मन नहीं लगता है. इसे बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है और हंसने के बहाने ढूंढें.