केरल में क्यों पहनते हैं सफेद और गोल्डन साड़ी, जानें कैसे हुई इसकी शुरूआत

भारत देश में महिलाएं रंग-बिरंगी साड़ियां पहनती है. कई लोगका मानना है कि भारतीया महिलायों की सुंदरता साड़ी पहनने से और बढ़ जाती है.

भारत का एक खूबसूरत हिस्सा केरल है, जगहां  कासवु साड़ी पहनने की परंपरा है. ये साड़ी भले ही सिंपल होती है लेकिन देखने में काफी अलग और खूबसूरत होती है. 
 

Kasavu Saree

अक्सर आपने देखा होगा की केरल में महिलाएं सफेद और गोल्डन कलर की साड़ी पहनती हैं. इस पारंपरिक साड़ी को कासवु नाम से जाना जाता है. 
 

Saree

इस साड़ी को आज भी मलयाली समुदाय मंदिरों, शादी और अंतिम संस्कारों के मौके पर पहनता है. 
 

History

लेकिन क्या आपको पता है कि केरल में इस साड़ी का चलन कैसे शुरू हुआ? चलिए हम आपको बताते हैं. 
 

Kasavu

इस साड़ी को कासवु कहते हैं. इस साड़ी को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का नाम कासवु है. 
 

Kerala

केरल में पहले पुरुष हों या महिलाएं, सभी कमर से नीचे मुंडू पहनते थे. उसके ऊपर कुछ पहनने की जरूरत नहीं थी. 
 

Shawl

उपनिवेशवाद के बाद महिलाओं ने अपने ऊपरी शरीर पर एक शॉल जैसा कपड़ा पहनना शुरू किया.  

Mundu

इसके बाद से लोग एक मुंडू को कमर में पहनते हैं और दूसरे को साड़ी के पल्लू की तरह ओढ़ते हैं. 
 

Saree And Blouse

सिंगल-पीस साड़ी काफी समय बाद आई, जिसके बाद ब्लाउज के साथ साड़ी पहनी जाने लगी.