केरल में क्यों पहनते हैं सफेद और गोल्डन साड़ी, जानें कैसे हुई इसकी शुरूआत
भारत देश में महिलाएं रंग-बिरंगी साड़ियां पहनती है. कई लोगका मानना है कि भारतीया महिलायों की सुंदरता साड़ी पहनने से और बढ़ जाती है.
अनामिका मिश्रा | Updated: Sep 30, 2024, 03:26 PM IST
अक्सर आपने देखा होगा की केरल में महिलाएं सफेद और गोल्डन कलर की साड़ी पहनती हैं. इस पारंपरिक साड़ी को कासवु नाम से जाना जाता है.
इस साड़ी को आज भी मलयाली समुदाय मंदिरों, शादी और अंतिम संस्कारों के मौके पर पहनता है.
लेकिन क्या आपको पता है कि केरल में इस साड़ी का चलन कैसे शुरू हुआ? चलिए हम आपको बताते हैं.
इस साड़ी को कासवु कहते हैं. इस साड़ी को बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का नाम कासवु है.
केरल में पहले पुरुष हों या महिलाएं, सभी कमर से नीचे मुंडू पहनते थे. उसके ऊपर कुछ पहनने की जरूरत नहीं थी.
उपनिवेशवाद के बाद महिलाओं ने अपने ऊपरी शरीर पर एक शॉल जैसा कपड़ा पहनना शुरू किया.
इसके बाद से लोग एक मुंडू को कमर में पहनते हैं और दूसरे को साड़ी के पल्लू की तरह ओढ़ते हैं.
सिंगल-पीस साड़ी काफी समय बाद आई, जिसके बाद ब्लाउज के साथ साड़ी पहनी जाने लगी.