Exercise for Diabetes: वॉकिंग से योगा तक ये 10 आसान कसरतें नहीं बढ़ने देंगी ब्‍लड शुगर और वेट

अगर आप टाइप2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के शिकार हैं तो आपके लिए कसरत (Exercises ) करना बेहद जरूरी है ताकि ब्लड शुगर (exercises ) लेवल और वजन (Weight) काबू में रहें. आइए आपको बताते हैं उन 10 खास कसरतों के बारे में जो डायबिटीज ही नहीं, हाई कोलेस्‍ट्रॉल (High cholestrol) और वेट लॉस जैसी कई बीमारियों को आपके पास फटकने भी नहीं देंगी. 

कसरत आपको न केवल डायबिटीज जैसी बीमारी से बचाती है, बल्कि अगर आप प्रीडायबिटीज रेंज में हों तो आपके नॉर्मल लाइफ में लौटने की राह भी बनाती है. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (ADA) की रिपोर्ट के मुताबिक हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एइरॉबिक एक्सरसाइज करनी जरूरी है. इससे न केवल आपको वजन घटाने में मदद मिलती है, बल्कि आपके अन्य पैरामीटर्स भी नॉर्मल कैटिगरी में रहते हैं. शर्त यही है कि कसरत रेगुलर हो, तभी इसके नतीजे आप महसूस कर पाएंगे। इसे छोड़ने का आपके पास कोई बहाना नहीं होना चाहिए. 

एक्‍सरसाइज शुरू करने से पहले जान लें ये बात

अगर आप अब तक आरामतलब जीवन जीते आए हैं और एक्सरसाइज प्रोग्राम शुरू करने का मन बना रहे हैं, तो सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि किस तरह की सावधानियों के साथ आप अपना नया प्रोग्राम शुरू करें. शुरुआत हल्की कसरतों से होगी तो आपका मन इससे भागेगा नहीं, बल्कि जैसे जैसे आपको नतीजे दिखेंगे, आपकी दिलचस्पी और बढ़ती जाएगी.

वॉकिंग 

ADA के मुताबिक हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट की ब्रिस्क वॉकिंग आपको सेहतमंद रखने के लिए काफी है. ब्रिस्क वॉकिंग का मतलब लगभग डेढ़ मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार.

साइकिलिंग

टाइप2 डायबिटीज से ग्रस्त आधी से ज्यादा आबादी अर्थराइटिस से पीड़ित होती है. ऐसे में वॉकिंग के लिए डॉक्टर मना करते हैं क्योंकि इससे आपके जोड़ों पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में साइकिलिंग बेहतर विकल्प है.

स्विमिंग

तैराकी भी ऐसी कसरत है, जिसमें आपके शरीर के जोड़ों पर न्यूनतम असर पड़ता है. स्विमिंग के साथ ही आप वाटर एइरॉबिक्स, एक्वा जॉगिंग भी कर सकते हैं. 2017 के रिव्यू के मुताबिक स्विमिंग से आपका ब्लडशुगर लेवल जल्दी ही काबू में आ जाता है. 
 

टीम स्पोर्ट्स

अगर आप कसरत के लिए खुद को प्रेरित नहीं कर पा रहे हैं तो टीम स्पोर्ट्स से खुद को जोड़िए. इसमें आप बास्केटबॉल, फुटबॉल, सॉफ्टबॉल, टेनिस आदि से खेल-खेल में फिटनेस पा सकते हैं. 
 

एरोबिक्‍स

एरोबिक्‍स डांस या अन्य फिटनेस क्लास ज्वाइन करके आप मनोरंजक अंदाज में फिटनेस हासिल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए जुंबा ऐसा ही एक फिटनेस प्रोग्राम है। 2015 की एक स्टडी बताती है कि 16 हफ्ते तक जुंबा क्लास करने से टाइप2 डायबिटीज से ग्रसित महिलाओं की फिटनेस में सुधार आया और वजन भी कम हुआ. 
 

वेट लिफ्टिंग

अगर आपको जिम में वेट ट्रेनिंग का शौक रहा है और जीवन की भागदौड़ में ये शौक छूट गया है, तो अब आप इसे फिर से शुरू कर सकते हैं. वेट मशीन, फ्री वेट या घर में ही रखे भारी सामानों को उठाकर ये एक्सरसाइज कर सकते हैं. वेट ट्रेनिंग शुरू करने से पहले प्रोफेशन फिटनेस ट्रेनर से गाइडेंस जरूर लें.

रेजिस्टेंस बैंड एक्सरसाइज

मसल्स बिल्डिंग के लिए जरूरी नहीं कि आप वेट ट्रेनिंग ही करें। आजकल मार्केट में रेजिस्टेंस बैंड भी उपलब्ध हैं, जो ज्यादा जगह भी नहीं घेरते और आपका पसीना छुड़ाने में मददगार भी बनते हैं. इसमें भी ध्यान रखनेवाली बात ये ही है कि इसकी शुरुआत किसी प्रोफेशनल ट्रेनर या क्लास या इस एक्सरसाइज से जुड़े वीडियोज देखकर करें.

कैलिस्थेनिक्स

कैलिस्थेनिक्स में आप अपने ही शरीर के वजन से अपनी मांसपेशियों को मजबूत करनेवाली कसरत कर सकते हैं. इसमें पुशअप्स, पुलअप्स, स्क्वैट, लंजेस और एक क्रंच शामिल हैं। बेहतर रिजल्ट्स के लिए फिटनेस ट्रेनर से भी मदद ले सकते हैं. 
 

पिलेट्स 

पिलेट्स भी एक पॉपुलर फिटनेस प्रोग्राम है. इसके लिए आप अपने आसपास के जिम या पिलेट्स स्टूडियो में पिलेट्स क्लास अटेंड कर सीख सकते हैं. इसके अलावा तमाम वीडियोज और किताबें भी इस संबंध में आपकी समझ बढ़ा सकते हैं. 

योग

योग को अनादि काल से स्वस्थ शरीर के लिए अनिवार्य माना गया है. नई स्टडीज भी हो रही हैं इन पर, जिसमें पाया गया कि नियमित योग करने से ब्लड शुगर, कॉलेस्ट्रॉल लेवल और वजन काबू में रहते हैं. इससे ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है, आपकी नींद की क्वॉलिटी सुधरती है और आपका मूड भी बेहतर होता है. 

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