Gymming Tips: जिम ज्वाइन करने से पहले जरूर करा ले ये 11 हेल्थ टेस्ट, बॉडी टाइप से जानें कौन सा वर्कआउट करेगा सूट?

ऋतु सिंह | Updated:Mar 28, 2023, 05:52 AM IST

Tests must be done before joining gym

जिम का क्रेज तेजी से बढ़ रहा और जिम में जान भी उसी रफ्तार में जा रही है. वजह इसके पीछे एक ही है, वह ये कि लोग बिना फिटनेस चेकअप के जिम शुरू कर देते है

डीएनए हिंदीः आजकर जिम में यंगस्टर ही नहीं, बूढ़े लोग भी जिम में कसरत करते नजर आते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि उम्र ही नहीं, बॉडी टाइप के अनुसार सबके लिए अलग-अलग एक्सरसाइज होती है. हर किसी के लिए एक ही एक्सरसाइज नहीं होती है. जिम में फिट लोगों की जान जाने के पीछे भी यही कारण होता है कि वो अपने मन से कोई भी एक्सरसाइज करना शुरू कर देते हैं, जबकि हर किसी की बॉडी के लिए अलग-अलग वर्कआउट प्लान होता है. 

अगर आप जिम ज्वाइन करने जा रहे हैं या जिमिंग कर रहे तो भी आपको कुछ टेस्ट जरूर कराना चाहिए. ताकि आपको पता चल सके कि आपके शरीर के लिए कौन सी एक्सरसाइज या वर्कआउट सूट करेगा. ऐसा करने से आपकी जान को कभी खतरा नहीं होगा और आपको अधिक से अधिक फायदे मिलेंगे. तो चलिए जान लें कि जिम ज्वाइन करने से पहले किन टेस्ट को कराना जरूरी है. 

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क्वालीफाइंग टेस्ट: फिटनेस प्रोग्राम के लिए बेसिक 5 बेसिक जांच

1) ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg होना चाहिए, उम्र के अनुसार इसमे कुछ अंकों की बढ़त भी सामान्य मानी जाएगी.

2) कार्डिएक स्ट्रेस टेस्ट-इससे पता चलता है कि आपके दिल की धड़कन कितनी हैं, आपका हार्ट कि स्ट्रेचबिलिटी यानी फ्लैक्सबिलिटी कितनी है. 

3) HOMA-IR स्कोर से इंसुलिन की शरीर में प्रतिक्रिया का आकलन किया जाता है, जिससे ब्लड शुगर की वास्तविक स्थिति का पता चलता है. 

4) SpO2- इससे फेफड़ों के कार्य का पता चलता है. 95% फेफड़े काम करते होने चाहिए.

5) फिजिकल एक्टिविटी पैटर्न की जानकारी भी देना जरूरी होता है. यानी आप सामान्यतः कितना श्रम कर सकते है, इसमे चलने से लेकर आपकी अन्य फिजिकल एक्टिविटी को नोट किया जाता है.

एक बार जब आप ऊपर दिए गए इन मार्करों को पार कर लेते हैं, तो निम्नलिखित कसरत सत्र से आपके फिटनेस को आंका जाता है और उसके बाद आपके लिए पर्सनालाइज वर्कआउट प्लान तैयार किया जाता है.

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बॉडी की क्षमता जानने के लिए होते हैं ये मेजर टेस्ट 

कार्डियोवास्कुलर एंड्योरेंस: इसके तहत आपके शारीरिक परिश्रम के बाद शरीर के ऑक्सीजन लेवल से लेकर ब्लड सर्कुलेशन, दिल की सहनशक्ती और फेफड़ों की क्षमता का आकलन किया जाता है.

ट्रेडमिल और कूपर टेस्ट : जिम में 2.4 किमी रन/वॉक टेस्ट प्रोटोकॉल कराकर आपके पल्स रेट और हार्ट बीट का परीक्षण किया जाता है. परीक्षण का लक्ष्य कम से कम संभव समय में 2.4 किमी की दूरी पूरी करना  होता है. इस परीक्षण में पुरुषों के लिए 10 मिनट और 49 सेकंड के भीतर और महिलाओं के लिए 12 मिनट और 51 सेकंड में परीक्षण पूरा करना होता है. यदि कोई व्यक्ति 2.4 किमी को पूरा करने में अधिक समय लेता है, तो वह नियमित रूप से 20-30 मिनट के लिए कम से मध्यम कार्डियो एक्सरसाइज प्लान के लिए फिट माना जाता है.

ऊपरी शरीर की मांसपेशियों की फिटनेस: मांसपेशियों की फिटनेस की जांच के लिए एक मिनट में साधारण पुश-अप परीक्षण कर ऊपरी शरीर की मांसपेशियों की फिटनेस की जांच की जाती है. पुरुषों के लिए पैर की उंगलियों पर मानक पुश-अप्स किए जाने चाहिए, जबकि महिलाएं अपने घुटनों पर पुश-अप्स टेस्ट किया जाता है. लक्ष्य उस अवधि के भीतर कम से कम 30 पुश-अप्स पूरा करना होता है. 

कोर स्ट्रेंथ: कोर स्ट्रेंथ को कोर मसल्स की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता है जैसे कि एब्स, ट्रांसवर्स, ऑब्लिक और ग्लूट मसल्स, रीढ़ की स्थिति को पता लगाने के लिए होती है. यह परीक्षण कम से कम एक मिनट के लिए प्लैंक कराकर किया जाता है. 

फ्लैक्सेबिलिटी चेक: चोट और दर्द से बचाव के लिए शरीर के लचीलेपन का टेस्ट करता है. इसका परीक्षण करने का एक शानदार तरीका सिट एंड रीच टेस्ट है, जो शरीर की पश्च श्रृंखला, संपूर्ण पीठ की मांसपेशियों के लचीलेपन का परीक्षण करता है. इसमें कम से कम अपने पैर की उंगलियों को लंबे समय तक बैठने की स्थिति में  घुटनों को फैलाकर आराम से छूने को चेक किया जाता है. आपकी इस स्थिति से शरीर के लचीलेपन को चेक कर उसी अनुसार आपके लिए वर्कआउट प्लान तैयार किया जाता है. 

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बॉडी फैट : इसमें शरीर की संरचना पूरे शरीर के वजन के सापेक्ष में फैट मास को देखा जाता है. हमारे शरीर के वजन में दुबला (वसा रहित) और वसा द्रव्यमान शामिल होता है. वसा रहित द्रव्यमान में हड्डियों, मांसपेशियों, अंगों और पानी का योग शामिल होता है, जबकि वसा द्रव्यमान अनिवार्य रूप से त्वचा के नीचे वसा (उपचर्म वसा) को संदर्भित करता है. अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन (ACSM) जैसे प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के अनुसार, पुरुषों को 5-15 प्रतिशत शरीर में वसा और महिलाओं के लिए यह 12-20 प्रतिशत शरीर में वसा निर्धारित की गई है.यदि किसी व्यक्ति का शरीर वसा प्रतिशत इन श्रेणियों से ऊपर है, तो उसे इसे कम करने के लिए आहार और कसरत योजना दोनों पर फोकस किया जाता है. 

इन परीक्षणों के माध्यम से पर्सनालाइज्ड वर्कआउट प्लान तैयार किया जाता है और ऐसा करने से जिम में जान जाने या अंदरूनी चोट पहुंचने की संभावना भी कम हो जाती है. 
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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