बेहद खतरनाक होती हैं आंखों की ये 5 बीमारियां, चश्मा लगाने से लेकर अंधेपन के हो सकते हैं शिकार

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 06, 2023, 09:55 AM IST

आंखें शरीर के सबसे नाजुक अंगों से एक हैं. इनका ध्यान भी उतना ही ज्यादा रखना पड़ता है. ऐसे में आंखों की ऐसी कई बीमारियां हैं, जिन्हें हल्के में लेने पर आप अंधे तक हो सकते हैं. 

डीएनए हिंदी: (Eyes Blindness Disease) आंखें शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक हैं. बिना आंखों के सब अंधेरा है. यही वजह है कि आंखों की किसी भी बीमारी या परेशानी में अंधेपन का डर रहता है. हालांकि आंखों से संबंधित कुछ बीमारियां होती है. आई फ्लू या कंजक्टिविटीज, लेकिन कुछ बीमारियां लंबे समय तक घर कर लेती है. इन बीमारियों को शुरुआती में दिखाना ही सबसे बेहतर होता है. इनका लंबे समय तक रहना आंखों की रोशनी छिन सकता है. यही वजह है कि आंखों में होने वाली कुछ बीमारियों को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. ये बीमारियां आपकी आंखों की रोशनी छिन सकती हैं.

डायबिटीक रेटिनोपैथी

डायबिटीक रेटिनोपैथी रेटिनल कंडीशन है. यह ब्लड शुगर के हाई होने पर हावी होती है. यह डायबिटीज के हाई होते ही आंखों को प्रभावित करती है. इसे रेटिना को नुकसान पहुंचने लगता है. डायबिटीज मरीजों में रेटिन में डिटेचमेंट एडिमा से लेकर ब्लीडिंग जैसी समस्या हो जाती है. इसे आंखों में दर्द, जलन और अंधेपन की समस्या पैदा हो जाती है. इसका सही समय पर इलाज न कराने से पूर्ण रूप से अंधे होने का खतरा रहता है. 

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मोतियाबिंद

मोतियाबिंद आंखों की खतरनाक बीमारियों में से एक है. यह आंखों में धीरे धीरे पनपती है. इसकी वजह से आंखों में धुंधला पन और धूमिल जाती है. इस बीमारी में आंखों के लेंस में धुंधला पन आ जाता है. यह बीमारी ज्यादातर बुढ़ापे में दिखाई देती हैं. मोतियाबिंद के पकने पर यह अंधा तक कर सकती है.

ग्लूकोमा

ग्लूकोमा आंखों में होने वाली एक गंभीर बीमारियों में से एक है. इसकी वजह से आंख से ब्रेन में जाने वाले मैसेज को नुकसान पहुंचता है. यह रेटिनल न्यूरॉन्स को भी प्रभावित करती है. इसके ज्यादा बढ़ने पर अंधे तक हो सकते हैं. ग्लूकोमा के एक बार होने पर इसका ठीक होना बहुत ही मुश्किल होता है. हालांकि इस बीमारी का समय रहते पता लने पर इलाज किया जा सकता है. 

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रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा 

रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा आंखों की आनुवांशिक और घातक बीमारियों में से एक है. यह बीमारी आंखों के स्वास्थ्य को बिगाड़ देती है. आंखों को कमजोर कर देती है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों की नजर कम होती है. यह जेनेटिक रूप से फैलती है. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आने का खतरा बहुत अधिक होता है. हालांकि इस बीमारी को डॉक्टरी परामर्श और दवाईयों से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से क्योर नहीं किया जा सकता. 

मैक्यूलर डीजनरेशन

मैक्यूलर डीजनरेशन आंखों की घातक बीमारियों में से एक है. यह ज्यादातर अधिक उम्र के लोगों में होती है. यह केंद्रीय दृष्टि की वजह बनती है. इसमें आंखों की दृष्टि धुंधली हो जाती है. इसकी वजह से रेटिना कमजोर पड़ जाती है. इसे देखने की क्षमता कम होने लगती है. धीरे धीरे यह आंखों की रोशनी को खत्म कर देती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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