डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में केले के पेड़ की पूजा की जाती है. इसके फल से लेकर पत्तियों का सेवन बेहद फायदेमंद होता है. हालांकि इसकी पत्तियों का इस्तेमाल कई जगहों पर खाना पकाने से लेकर कुछ चीजों को बनाने में भी किया जाता है. वहीं साउथ में केले अवसरों पर थाली की जगह केले के पत्तों पर ही खाना परोसकर दिया जाता है. यह इन क्षेत्रों में भोजन परोसने का एक पारंपरिक तरीका माना जाता है. पत्ती का उपयोग प्लेट या परोसने की थाली के रूप में किया जाता है. वहीं एक्सपर्ट्स की मानें तो थाली की जगह केले के पत्तों पर खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. केले के पत्तों में प्राकृतिक, बायोडिग्रेडेबल भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं.
केले के पत्ते पर खाना खाने से पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं. इनमें संभावित स्वास्थ्य-प्रचार गुण होते हैं. पत्ते पर गर्म खाना परोसने से पॉलीफेनोल्स खाने में आते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट से भर जाता है.
ये हैं केले के पत्तों के फायदे
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पाचन तंत्र को करता है बूस्ट
केले के पत्तों पर खाना खाने से पाचन तंत्र बूस्ट होता है. इस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. केले के पत्तों में पाए जाने वाले पॉलीफेनोल्स पाचन, एंजाइमों के प्रोडक्शन को उत्तेजित करते हैं. यह पाचन और पोषक तत्वों को अवशोषण करने में मदद करते हैं. इसे स्वास्थ्य लाभ मिलता है. इसके अलावा ऑलओवर हेल्थ में सुधार होता है.
प्राकृतिक कीटाणुनाशक
केले के पत्तों में प्राकृतिक रोगाणुरोधी गुण होते हैं. यह खाने में आने वाले बैक्टीरिया को मार देते हैं. यही वजह है कि केले के पत्तों पर भोजन करने से बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है.
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न्यूट्रिशन वैल्यू
केले के पत्तों में विटामिन ए, विटामिन सी और पॉलीफेनोल्स जैसे पोषक तत्व पाएं जाते हैं. केले के पत्तों पर रखकर खाना खाने से सभी पोषक तत्व ट्रांसफर हो जाते है. इनके न्यूट्रिशनल वैल्यू बढ़ जाती है.
खाने का बढ़ जाता है स्वाद
थाली की जगह केले के पत्तों पर खाना रखकर खाने से स्वाद बढ़ जाता है. पत्तियां एक सूक्ष्म, मिट्टी स्वाद प्रदान करती है, जो भोजन के आनंद को बढ़ा देती है.
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एनवायरमेंट फ्रेंडली
डिस्पोजेबल प्लेटों के नेचुरल विकल्प के रूप में केले के पत्तों का उपयोग करना एनवायरमेंट फ्रेंडली होता है. ये प्लास्टिक और फोम की प्लेटों को रिप्लेस करता है. यह प्रदूषण में योगदान देता है.
बायोडिग्रेडेबल
केले के पत्तों में बायोडिग्रेडेबल होते हैं. यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएं बिना ही आसानी से टूट जाते हैं. यह भोजन परोसने का एक स्थयी विकल्प बनाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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