डीएनए हिंदी: बॉलीवुड की मोस्ट टैलेंट एंड क्यूट अभिनेत्री आलिया भट्ट मां बनने के बाद एक बार फिर से अपनी सेहत पर पूरा ध्यान दे रही हैं. इन दिनों वह पोस्ट-प्रेग्नेंसी वेट को कम करने के लिए योगा का सहारा ले रही हैं. इसी कड़ी में, आलिया भट्ट ने 108 बार सूर्य नमस्कार (108 Surya Namaskar) किया है जिसकी झलक उनकी ट्रेनर ने फैन्स के साथ साझा किया है. सूर्य नमस्कार (Sun Salutation) 12 तरह के योगा पोज़िज को मिलाकर पूरा होता जो हमारी बॉडी और माइंड को स्वस्थ रखने में मदद करता है. चलिए जानते हैं सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) करने के स्टेप्स और इसके फायदों के बारे में (Benefits of surya namaskar).
वज़न होता है कम
सूर्य नमस्कार सेहत के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है. सूर्य नमस्कार करने से शरीर के सभी अंगों पर जोर पड़ता है और शरीर में जमा अनावश्यक चर्बी अपने आप कम होने लगती है.
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रेसपिरेटरी सिस्टम को बनाता है मजबूत
योग के दौरान सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं. इससे लंग्स पर अधिक दबाव नहीं पड़ता है और वो रिलैक्स रहते हैं. सूर्य नमस्कार के 12 योग रेसपिरेटरी सिस्टम को संतुलित करने में मदद करते हैं.
डाइजेशन को मजबूत बनाए
इससे पाचनतंत्र बेहतर होता है और पेट संबधी रोगों से निजात मिलता है. इससे भूख न लगने की समस्या दूर हो जाती है और कब्ज से भी राहत मिलती है.
शरीर में लचीलापन बढ़ता है
शरीर में लचीलापन बढ़ाने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है. अगर आप दिनभर बैठकर काम करते है और पीठ अकड़ जाती है. ऐसे में सूर्य नमस्कार आपकी कमर दर्द और पीठ दर्द से राहत दिलाता है.
हड्डियां होंगी मजबूत
सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाता है. इससे हड्डियों से जुड़ी समस्याएं अपने आप दूर हो जाती है.
नींद न आने की दिक्कत दूर
सूर्य नमस्कार करने से नींद न आने की दिक्कत दूर हो जाती है. इसे करने में तन और मन दोनों को शांति का अनुभव होता है. ऐसे में जब बॉडी पूरी तरह से रिलैक्स हो जाती है तो अच्छी नींद आती है. इसके अलावा इससे शरीर मे हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं.
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ये हैं सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप्स
प्रणामासन
इसके लिए पैर के दोनों पंजों को जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं और अंदर की ओर सांस लें. इसके बाद दोनों हाथों को जोड़कर प्रणाम की मुद्रा में आएं.
उधर्वहस्तउत्तनासन
प्रणाम की मुद्रा में ही पीठ को पीछे की ओर झुकाएं और हाथों को सिर के उपर से पीछे की ओर ले जाएं.
पादहस्तासन
इसके बाद ब्रैथ रिलीज करते हुए हाथों से दोनों पैरों को छूएं. इसके बाद सिर से घुटनों को छूने की कोशिश करें.
अश्व संचालनासन
इसके बाद दाएं घुटने को मोड़े और बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं. पीछे की ओर पैर सीधा करें और सिर उपर की ओर रखें.
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पर्वतासन
इसके बाद दोनों पैरों को पीछे की ओर ले जाएं हाथों को मोड़ कर पुशअप्स की पोज़िशन लें.
अष्टांगनमनासन
फिर उल्टे होकर सिर, नाक और घुटने समेत सभी अंगों को जमीन पर लगाएं.
भुजंगासन
इसके बाद दोनों हाथों को जमीन पर टिकाते हुए सिर को पीछे की ओर ले जाएं.
पर्वतासन
इसके लिए दोनों पैरों और हाथों को जमीन पर टिकाएं और कमर को उपर की ओर उठा दें.
दक्षिण अश्व संचालनासन
इसके बाद बाएं घुटने को मोड़ें और दाएं पैर को पीछे की ओर खीचें. साथ ही इस आसन में सिर उपर की ओर रखें.
पादहस्तासन
इसके बाद सांस छोड़ते हुए खड़े हो जाएं और दोनों हाथों से पैरो को पकड़ें और घुटने के बीच सिर को टिका दें.
हस्तोत्तानासन
इनके बाद सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में पीछे की ओर ले जाएं.
नमस्कार मुद्रा
अंत में दोनों हाथों को जोड़े और आंखे बद करके सीधे खड़े हो जाएं और सूर्य नमस्कार करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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