डीएनए हिंदीः Alive Foods vs Dead Foods- हिंदी में एक कहावत है 'जैसा खाए अन्न, वैसा होय मन', इसका सीधा सा अर्थ है कि आप जिस तरह का भोजन करेंगे या जिस तरह की डाइट फॉलो करेंगे, आपकी बॉडी वैसा ही रिस्पॉन्स करेगी. अगर आप जीवित और हेल्दी फूड़ खाएंगे तो लंबे समय तक जवां बने रहेंगे, आपका शरीर फुर्तीला रहेगा और बीमारियां दूर रहेंगी. लेकिन, आजकल बिजी लाइफस्टाइल के चलते लोग डाइट में जीवित भोजन (Alive Food) कम मृत भोजन (Dead Food) ज्यादा शामिल कर रहे हैं, जिसकी वजह ना केवल उम्र घट रही है, बल्कि लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. बता दें कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, और शुगर जैसी बीमारियों की सबसे बड़ी वजह खराब लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी ही है.
दिल्ली की जानी-मानी डाइटिशियन डॉ. प्रियंका जायसवाल ने बताया कि व्यक्ति को मजबूरी में भी डेड फूड यानी मृत भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, पेट और स्किन प्रॉब्लम समेत कई तरह की अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि इस तरह के फ़ूड में आर्टिफिशियल स्वीटनर, फ्लेवर जैसी चीजों का इस्तेमाल होता है और इनमें न्यूट्रिशनल वैल्यू ना के बराबर होती है.
वहीं जीवित भोजन में न्यूट्रिशनल वैल्यू हाई होती है, इनमें एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मददगार होते हैं. इससे मेटाबॉलिक रेट अच्छे से रिस्पॉन्स करता है, जिससे व्यक्ति एनर्जेटिक महसूस करता है. इतना ही नहीं, इससे बॉडी में मौजूद डाइजेस्टिव एंजाइम ठीक तरह से काम करते हैं.
जीवित और मृत भोजन (Alive Food Or Dead Food)
प्लांट बेस्ड फ़ूड, सब्जियां, बींस, फल, स्प्राउट्स, नट्स, सीड्स, साबुत अनाज और एनिमल फूड्स जैसे चिकेन, मटन आदि की गिनती जीवित भोजन में होती है. साब्जियों में कुछ चीज़ें ऐसी हैं जिन्हें हम कच्चा भी खा सकते हैं और सलाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं. ऐसे फूड्स जीवित भोजन की श्रेणी में आते हैं. वहीं सभी तरह के प्रोसेस्ड फ़ूड, चिप्स, नमकीन, बिस्किट, पास्ता नूडल्स, बर्गर इत्यादि की गिनती मृत भोजन यानी डेड फ़ूड में होती है.
डाइट में शामिल करें जीवित भोजन
डॉ. प्रियंका जायसवाल के मुताबिक, दिन में 5 मील बनते हैं, इसमें ज्यादा से ज्यादा जीवित भोजन ही शामिल करना चाहिए. क्योंकि जितनी ज्यादा मात्रा में आप इसका सेवन करेंगे शरीर उतना ही हेल्दी और फिट रहेगा. साथ ही डेड फ़ूड से जितना हो सके दूर रहने की कोशिश करें. इससे आपका शरीर चुस्त दुरुस्त रहेगा. इससे ना केवल आपका वजन कंट्रोल में रहेगा, बल्कि आपका मेडिकल कंडीशन भी मेंटेन रहेगी.
क्या करें
- फ्रेस फ़ूड या सीजनल फ़ूड डाइट में शामिल करें
- हर दूसरे-तीसरे दिन ग्रोसरी करें, ताकि आपके शरीर को न्यूट्रिशन ज्यादा मिले.
- अगर आप घर पर हैं, ऑफिस में हैं, रूटीन में हैं तो फ्रेस फ़ूड ही खाएं.
- जितना हो सके डेड फ़ूड से दूर रहें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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