अर्जुन के पेड़ की छाल में कई पोषक तत्व और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो इसे कई हर्बल उपचारों में महत्वपूर्ण बनाते हैं. अर्जुन की छाल में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, ट्राइटरपेनोइड्स और सायनोन्स जैसे फाइटोकेमिकल्स होते हैं. इसमें कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं. साथ ही इसमें लैक्टिक एसिड, गैलिक एसिड, एलाजिक एसिड भी होता है. ये सभी तत्व अर्जुन की छाल को एक प्रभावी जड़ी बूटी बनाते हैं. जानिए अर्जुन की छाल का उपयोग किन-किन बीमारियों में किया जाता है और इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है.
अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें?
अर्जुन की छाल का उपयोग करने के लिए आपको इसका पाउडर बनाना होगा. अर्जुन की छाल का पाउडर भी बाजार में उपलब्ध है. आप लगभग 10 मिलीग्राम अर्जुन की छाल का पाउडर लें और सुबह-शाम इसका सेवन करें. आप इसका सेवन चाय, दूध या सिर्फ गर्म पानी के साथ कर सकते हैं.
इन रोगों में रामबाण है अर्जुन की छाल
डायबिटीज– अर्जुन की छाल का उपयोग मधुमेह की आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है. इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में शुगर लेवल को नियंत्रित करते हैं और सूजन को कम करते हैं. अर्जुन की छाल मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है. मधुमेह के रोगी इसका सेवन कर सकते हैं.
कोलेस्ट्रॉल- अर्जुन की छाल में हाइपोलिपिडेमिक नामक एक कंपाउंड पाया जाता है, जो शरीर में बढ़े हुए बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा देता है. यही नहीं अर्जुन की छाल में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं
जोड़ों के दर्द में फायदेमंद- अर्जुन की छाल में कई ऐसे तत्व होते हैं जो सूजन-रोधी प्रभाव दिखाते हैं. जिसके कारण हृदय रोग, मधुमेह और गठिया जैसी बीमारियाँ बढ़ती हैं. ऐसे में अर्जुन की छाल शरीर में सूजन को कम करती है और जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाती है.
हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद- हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए अर्जुन की छाल का उपयोग किया जाता है. इसमें फाइटोकेमिकल्स विशेषकर टैनिन होते हैं. जो कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभाव दिखाता है. यह धमनियों को फैलाने में मदद करता है और रक्तचाप को कम करता है. अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करती है.
दस्त में राहत - दस्त या दस्त की समस्या होने पर अर्जुन की छाल का उपयोग किया जा सकता है. अर्जुन की छाल का उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है. इसमें टैनिन होता है जो पाचन तंत्र में सूजन को कम करता है और दस्त को ठीक करने का काम करता है.
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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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