World Thyroid Day: ये 7 चीजें बिगड़े हुए थायराइड फंक्शन को भी तुरंत सुधार देंगी, अंदर से शरीर खोखला होने से बचेगा

Written By ऋतु सिंह | Updated: May 25, 2023, 07:17 AM IST

7 daily drinks to improve thyroid function

थायराइड हार्मोन को नेचुरली बढ़ाकर हापोथायराइडिज्म को आसानी से सुधार किया जा सकता है. यहां आपको 7 ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिसे रोज पी लें तो आपका थायराइड हार्मोन सुधर जाएगा.

डीएनए हिंदीः लाइफस्टाइल में चेंज करके और कुछ आयुर्वेदिक और नेचुरल चीजों को डाइट में शामिल करके आप आसानी से अपने अंडरएक्टिव थायराइड ग्लैंड को कंट्रोल में रख सकते हैं. तो चलिए आज 25 मई को विश्व थायराइड दिवस (World Thyroid Day) पर जानें की वो कौन सी 7 चीजें हैं जो अंडरएक्टिव थायराइड ग्लैंड को एक्टिव कर हाइपोथायराइडिज्म को भी कंट्रोल में कर देंगी.

थायराइड गले के सामने स्थित एक छोटी तितली के आकार की ग्लैंड होती है जो मेटाबॉलिज्म, बॉडी के डवलपमेंट, हार्ट रेट को नियंत्रित करने और कई अंग कार्यों को सुचारू रूप से काम करने में सहयोग करती है. लेकिन जब थायराइड ग्लैंड अंडरएक्टिव होता है तो हाइपोथायरायडिज्म और जब ओवरएक्टिव होता है तो हाइपरथायरायडिज्म की समस्या हो जाती है.

अंडरएक्टिव थायरॉइड के अधिकांश मामले इम्युन सिस्टम में थायरॉइड ग्लैंड पर हमला होता है और इससे बेहद नुकसान होता है. थायरॉइड हार्मोन का अधिक उत्पादन कुछ स्वास्थ्य स्थितियों जैसे ग्रेव्स रोग, थायरॉइड नोड्यूल्स या कूपिक थायरॉयड कैंसर का कारण बी बन जाता है. शारीरिक गतिविधियों, तनाव प्रबंधन, आयोडीन सहित आहार, सेलेनियम और प्रोबायोटिक्स के माध्यम से थायराइड हार्मोन को बढ़ाकर स्वाभाविक रूप से थायरॉयड फंक्शन को सुधारा जा सकता है.

इन 7 चीजों को लेना कर दें शुरू हाइपोथायरायडिज्म तुरंत होगा सही

1. गोल्डन मिल्क यानी हल्दी वाला दूध
हल्दी दूध में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. आप डेयरी मिल्क की जगह बादाम के दूध में भी हल्दी मिलाकर पी सकते हैं. अगर डेयरी मिल्क ले रहे तो गाय का दूध इस्तेमाल करें. अगर आप रोज हल्दी वाले दूध में चुटकी भर काली मिर्च मिलाकर पीना शुरू कर दें तो आपका थायरायड ग्लैंड सही तरीके से काम करने लगेगा. बता दें कि हल्दी में करक्यूमिन होता है जो काली मिर्च में पिपेरिन की उपस्थिति में सबसे अच्छा अवशोषित होता है. लकडोंग हल्दी (लकडोंग हल्दी मेघालय के पहाड़ों में उगाई जाने वाली एक प्रकार की हल्दी है.) में करक्यूमिन की मात्रा सबसे अधिक होती है इसलिए इसका उपयोग अवश्य करें.

2. सेब का सिरका
सेब का सिरके में नेचुरल एसिड होता हो जो शुगर नियंत्रण से लेकर थायरायड तक को कंट्रोल करता है, ये वेट लॉस में भी इफेक्टिव है और लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास भी देता है. पानी के साथ 1 बड़ा चम्मच सेब का सिरका खाने के बाद लेने का आदत डाल लें.

3. छाछ
छाछ प्रोबायोटिक्स का एक स्रोत है जो आंत के माइक्रोफ्लोरा को बेहतर बनाने में मदद करेगा. एक स्वस्थ और मजबूत आंत सूजन को कम करेगी जो हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनता है.

4. चुकंदर का रस
चुकंदर और गाजर का संयोजन फाइटोन्यूट्रिएंट्स और लाइकोपीन का एक अच्छा स्रोत हो सकता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट है. सुनिश्चित करें कि यह ताजा बनाया गया है और इसका फाइबर नहीं खोया है.

5. ग्रीन जूस
पत्तेदार साग क्लोरोफिल से भरपूर होता है जिसमें हीलिंग गुण होते हैं. आप ताजा पालक, ऐमारैंथ, केल, धनिया पत्ती, पुदीना आदि जैसे अलग-अलग पत्ते चुन सकते हैं और या तो ककड़ी या सिर्फ नींबू का रस मिलाकर रस तैयार कर सकते हैं.

6. अखरोट का दूध
कई बार दूध सूजन का कारण बनता है. इसलिए, नियमित दूध की जगह अखरोट के दूध का सेवन करना एक समझदारी भरा विकल्प है. अखरोट के दूध का उपयोग कॉफी या चाय में किया जा सकता है और इसे नाश्ते के कटोरे या स्मूदी में भी मिलाया जा सकता है.

7. हर्बल टी

अश्वगंधा और शतावरी जैसी कुछ जड़ी-बूटियाँ बेहतर थायरॉइड कार्यप्रणाली के लिए जानी जाती हैं और इन्हें हर्बल चाय के रूप में डाला जा सकता है. इसी तरह, ग्रीन टी अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए एक अच्छा विकल्प होगा. इन्हें सामान्य चाय और कॉफी से बदलने की कोशिश करें या सुबह खाली पेट लेना शुरू कर दें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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