Asthma Cure In Monsoon: बारिश में इन वजहों से ट्रिगर होता है अस्थमा, जान लें बचाव का आसान तरीका

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 23, 2023, 09:58 AM IST

 Asthma Cure In Monsoon

Asthma In Monsoon: बारिश के मौसम में धूप की कमी और नमी के कारण अस्थमा के मरीजाें की समस्या बढ़ जाती है. इसलिए इस मौसम में अस्थमा के मरीजों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए. यहां जानिए बचाव का आसान तरीका...

डीएनए हिंदी: बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है, क्योंकि इस मौसम में फंगल, बैक्टीरिया को पनपने में आसानी होती है. इसके अलावा कई दिनों तक धूप ना निकलने और नमी के कारण अस्थमा (Asthma) के मरीजों के लिए दिक्कत शुरू हो जाती है. इसलिए जरूरी है (Asthma Cure In Monsoon) कि इस मौसम में अस्थमा के मरीज अपना पूरी तरह से ध्यान रखें जिससे अस्थमा ट्रिगर ना हो. बता दें अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें फेफड़ों तक जाने वाली श्वासनली पतली होने लगती है और इसमें अक्सर सूजन होने का खतरा बना रहता है. इसके अलावा श्वास नली में म्यूकस भी ज्यादा बनने लगता है जिससे हमेशा गले में बलगम भरा रहता है और इससे सांस फूलने लगती है और मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है. आइए जानते हैं क्या है बचाव का आसान तरीका...

बारिश में क्यों बढ़ जाता है अस्थमा का खतरा

दरअसल बारिश के मौसम में नमी की वजह से फेफड़ों के वायुमार्ग में सूजन बढ़ जाती है और फेफड़ों तक हवा पहुंचने में दिक्कत होती है. जिसकी वजह से मानसून में अस्थमा के अटैक आने का खतरा ज्यादा रहता है. इसके अलावा इस बरसात में धूप तेजी से नहीं निकलती और उसमे भी नमी रहती है जिससे ठंडा वातावरण सांस की बीमारी को बढ़ा देता है. इसके अलावा बारिश के मौसम में हवाओं में पोलन यानी परागकण बढ़ जाते हैं और ये सांस लेने से वायुमार्ग में पहुंच जाते हैं. इससे अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही पोलन की वजह से बहुत ज्यादा छींक आने लगती है या सांस लेने में मुश्किल होती है.

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फंगस: बारिश की वजह से चारों तरफ नमी होती है और नमी में फंगस पनपने लगते हैं और ये सांस की समस्या वाले मरीजों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है. 

वायरल इंफेक्शन: वहीं इस मौसम में कभी सर्द कभी गर्म की वजह से बैक्टीरिया पनपते हैं और जुकाम होने का डर रहता है. इस वजह से वायरल हो जाता है और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. 

धूप की कमी: विटामिन डी सूरज की रोशनी में शरीर में बनता है और इससे फेफड़ों को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है. ऐसे में इस मौसम में खराब धूप की वजह से फफूंदी पनपने लगती है और शरीर में भी नमी हो जाती है.  

अस्थमा के मरीज इस तरह रखें अपना ख्याल 

भाप लेते रहें 

बारिश के मौसम में अस्थमा के मरीजों को सांस लेने पर समस्या होने पर भाप लेना चाहिए. इससे आपको काफी राहत मिलगी. बता दें तुलसी, जीरा और एसेंशियल ऑयल को मिलाकर भाप लेना अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छा होता है. 

सफाई का रखें ध्यान 

इसके अलावा बारिश के मौसम में अपने आसपास की सफाई का खास ध्यान रखें और पालतू जानवरों से दूर रहें. साथ ही नमी वाले घर से नमी मिटाने के उपाय करें. बिस्तर, तकिया, चादर को गर्म पानी से धोकर इस्तेमाल करें और कार्पेट और दरी वगैरह को वैक्यूम क्लीनर से साफ करें. 

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एक्जास्ट फैन का करें इस्तेमाल 

इसके अलावा बारिश के मौसम में घर में अगर नमी हो रही है तो एक्जास्ट फैन के जरिए उसे बाहर निकालने का काम करें.

गरम पेय पदार्थ और भोजन का करें सेवन

बारिश के मौसम में  खाने में गर्म फूड और गर्म लिक्विड चीजें का सेवन करें. बींस, गाजर जैसे हेल्दी फूड को डाइट में शामिल जरूर  करें.  

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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