सर्दियों का मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है. बदलते मौसम, ठंडी हवा, प्रदूषण और वायरल संक्रमण अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा देते हैं. सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न और खांसी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. लेकिन चिंता न करें, आयुर्वेद में अस्थमा के लिए कई प्रभावी प्राकृतिक उपचार मौजूद हैं. इन उपचारों से अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है और मरीज को राहत मिल सकती है. तो आइए जानते हैं कुछ आसान आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जिनकी मदद से आप सर्दियों में अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकते हैं.
अस्थमा के लक्षणों को कम कर सकते हैं ये नुस्खे
अदरक का सेवन
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो सांस की नलियों को खोलने में मदद करते हैं. आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
तुलसी का सेवन
तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. तुलसी सांस की नलियों में होने वाली सूजन को कम करती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है. आप तुलसी के पत्तों का जूस या तुलसी की चाय का सेवन कर सकते हैं .
अंजीर
अंजीर में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कफ को कम करने में मदद करते हैं. अंजीर सांस की नलियों को आराम पहुंचाता है और सांस लेने में आसानी करता है. रोजाना गर्म पानी में भिगोया हुआ एक अंजीर खाने से अस्थमा से राहत मिलती है.
काली मिर्च
काली मिर्च में पाया जाने वाला पाइपरीन नामक तत्व सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे सांस की नलियों में सूजन कम होती है और सांस लेना आसान होता है. आप रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर पी सकते हैं.
शहद और अदरक
अस्थमा के लिए शहद और अदरक का मिश्रण बहुत फायदेमंद होता है. इससे कफ कम होता है और सांस लेना आसान होता है. एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर पिएं. आप इसे दिन में दो बार पी सकते हैं.
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आयुर्वेदिक काढ़ा
आयुर्वेदिक काढ़ा में कई तरह की जड़ी-बूटियां होती हैं जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-अस्थमा गुण होते हैं. ये जड़ी-बूटियां सांस की नलियों में सूजन को कम करती हैं, बलगम को पतला करती हैं और सांस लेने में आसानी करती हैं.
योग और प्राणायाम
योग और प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं और सांस लेना आसान बनाते हैं. यह तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जो अस्थमा के दौरे को ट्रिगर कर सकता है. अनुलोम विलोम, कपालभाति आदि अस्थमा मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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