High Uric Acid का रामबाण इलाज हैं इस पेड़ के तने और हरे पत्ते, नहीं पड़ेगी दवा की जरूरत

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Mar 10, 2023, 06:51 AM IST

शरीर में बढ़ता यूरिक एसिड जोड़ों में दर्द और सूजन पैदा करता है. आयुर्वेद में इसे पेड़ के तने और पत्तों की मदद से कम किया जा सकता है. 

डीएनए हिंदी: शरीर में प्यूरीन की अधिक मात्रा और किडनी के फिल्टर न कर पाने की वजह इकट्ठा होने वाली गंदगी यूरिक एसिड के रूप में जमा हो जाती है. यह खून के साथ मिलकर जोड़ों में जमा हो जाती है, जिसके बाद जोड़ों दर्द और सूजन जैसी समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार हमारा लाइफस्टाइल और खानपान है. प्यूरीन युक्त खाना, शराब, मोटापे और डायबिटीज के बाद यह बीमारी शरीर में घर कर जाती है. 

शरीर में यूरिक ​एसिड की मात्रा बढ़ना खतरनाक होता है. इसकी वजह यूरिक एसिड के बढ़ने की स्थिति में हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है. यह गठिया, गाउट और अर्थराइटिस की बीमारी पैदा कर देता है. इसे किडनी में स्टोन की समस्या भी हो जाती है. इसके अलावा भी हाई यूरिक एसिड डायबिटीज, हाइपोथायरायडिज्म और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा पैदा करती है. इसका समय रहते घर पर भी इलाज किया जा सकता है. बिना दवाई भी इसे आयुर्वेद की मदद से कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं यूरिक एसिड के आयुर्वेदिक उपचार 

ये है यूरिक एसिड बढ़ने की वजह

यूरिक एसिड बढ़ने की मुख्य वजह वर्कआउट न करना, बहुत ज्यादा प्रोटीन और कम वसा वाले भोजन का करना. रात के समय भारी भरकम डिनर करके सो जाना. इसके अलावा कम पानी पीना और बहुत ज्यादा मांस व कम नींद लेना है. 

ऐसे करें आयुर्वेदिक उपचार

यूरिक एसिड का आयुर्वेदिक इलाज गिलोय के तने और पत्तों में छिपा है. इसके इस्तेमाल से न सिर्फ इसकी मात्रा कम की जा सकती है. इसे शरीर के जोड़ों से बाहर निकाला जा सकता है. इसके लिए गिलोय के पत्तों और तने को रात में पानी में भिगोकर रखें दें. सुबह उठते ही एक गिलास पानी में पीसकर आधा होने तक इसे उबालें . इसके बाद छानकर पी लें. इसके जूस, पाउडर और गोली बनाकर नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है. यह बेहतर परिणाम देगा. 

लाइफस्टाइल में करें ये जरूरी बदलाव

हर दिन सुबह या शाम किसी भी समय कम से कम 45 मिनट वर्कआउट करें. भरपूर मात्रा में पानी पिएं. रात के खाने में दाल, बीन्स और गेहूं का सेवन न करें . दिन में खट्टे फल जैसे जामुन, आंवला का जमकर सेवन करें. तनाव कम लें और मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखें. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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