दिमाग खाने वाला कीड़ा कहां-कहां मिल सकता है
दूषित जल में पाए जाने वाले अमीबा से होने वाले दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण यानी अमीबिक इंसेफेलाइटिस फैल रह है. हालांकि अभी तक ये तीनों ही मामले केरल में ही मिले हैं. अमीबा से होने वाले दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण से मृत्यु दर 95-100 प्रतिशत है का दावा किया जा रहा है.
यह अमीबा दूषित जल में पाया जाता है और इसमें नहाने से ये नाक के जरिये ही दिमाग तक पहुंच जाता है. पुडुचेरी की एक प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण के बाद पता चला कि मलप्पुरम के रामनट्टुकारा का 12 वर्षीय लड़का अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से संक्रमित है. डेढ़ महीने में मालाबार जिले में यह तीसरा ऐसा मामला है. इससे पहले मलप्पुरम और कन्नूर के दो बच्चों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है.
अमीबिक इंसेफेलाइटिस क्या है?
अमीबिक इंसेफेलाइटिस संक्रमण से संक्रमित होने के बाद, जो मुक्त रहने वाले नेग्लेरिया फाउलेरी अमीबा और वर्मामोइबा वर्मीफॉर्मिस के कारण होता है. अमीबा के संक्रमण का तरीका पानी के माध्यम से होता है विशेष रूप से तालाबों और बहुत कम रिपोर्ट किए गए मामलों में नहरों के माध्यम से, तैरते समय नाक या गुदा द्वार से प्रवेश करते हुए, अमीबा मस्तिष्क को संक्रमित करता है, इसलिए इसे "दिमाग खाने वाला अमीबा" कहा जाता है.
मस्तिष्क खाने वाले अमीबा कहां पाए जाते हैं?
नेगलेरिया को बहुत गर्म पानी पसंद है. यह 46 डिग्री तक के पानी में जीवित रह सकता है. ये अमीबा दुनिया भर के गर्म स्थानों में पाए जाते हैं.
यहां भी मिल सकते हैं ये कीड़े
ये कीड़ा खारे पानी में नहीं रह सकता. यह ठीक से उपचारित स्विमिंग पूल या ठीक से उपचारित नगरपालिका के पानी में जीवित नहीं रह सकता. आप दूषित पानी पीने से भी संक्रमित नहीं हो सकते.
अमीबिक इंसेफेलाइटिस संक्रमण
इसके अलावा मतिभ्रम , पलकें झुकना, दृष्टि धुंधली होना और स्वाद की अनुभूति का खत्म हो जाना भी हो सकता है .
मस्तिष्क खाने वाले अमीबा के लक्षण प्रकट होने में कितना समय लगता है?
एन. फाउलेरी अमीबा के नाक में प्रवेश करने के बाद लक्षण दिखने में दो से 15 दिन लगते हैं. लक्षण दिखने के 3 से 7 दिन बाद आम तौर पर मृत्यु हो जाती है. लक्षण शुरू होने से मृत्यु का औसत समय 5.3 दिन है. दुनिया भर में केवल मुट्ठी भर रोगियों के संक्रमण से बचने की सूचना मिली है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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