डीएनए हिंदी: जब आप नई मां बनती हैं तो आपके मन में कई सवाल रहते हैं और आप बच्चे की ब्रेस्ट फीडिंग (Breast Feeding) को लेकर काफी डरी हुई रहती हैं, ऐसे में आप अपनी मां या सास से सलाह लेती हैं. मां के दूध में हॉर्मोन और कई तरह के तत्व होते हैं, जिससे बच्चे का विकास अच्छा होता है. इसलिए कहा जाता है कि छह महीने तक मां का ही दूध पिलाना चाहिए, इससे बच्चे को और किसी चीज की जरूरत नहीं होती है. आज हम आपको ब्रेस्ट फीडिंग की कुछ टिप्स देते हैं जिससे आपको मदद मिलेगी.
ब्रेस्ट फीडिंग के टिप्स (Breast Feeding Tips in Hindi)
- हमेशा ढीले कपड़े पहनें, ताकि आसानी से ब्रेस्टफीडिंग कराई जा सके. जैसे सामने से खुलनेवाली कुर्ती या स्ट्रेचवाली टीशर्ट पहनें जिन्हें आसानी से उठाकर स्तनपान कराया जा सके
- कई मांएं ब्रेस्टफीडिंग के बाद ब्रा नहीं पहनतीं हैं क्योंकि फीड कराने में दिक्कत होती है लेकिन ऐसा न करें.इससे ब्रेस्ट ढीले और भद्दे हो जाते हैं. सही साइज की ब्रा पहनें. ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए कई तरह की नर्सिंग ब्रा भी मार्केट में मिलती हैं.
- कई बार स्तनों से दूध टपकता रहता है, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए डिसपोजेवल और वॉशेबल ब्रेस्ट पैड का भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
- एक स्कार्फ या दुपट्टा भी साथ रखें, ताकि दूध पिलाते वक्त स्तन और बच्चे को ढंक सकें लेकिन ध्यान रखें कि शिशु आराम से सांस ले पाए
- घर पर अपना एक नर्सिंग स्टेशन बनाएं यानी एक ऐसी जगह तय करें जहां आराम से बैठकर आप शिशु को दूध पिला पाएं.
- इस जगह पर पानी की बोतल, टीवी का रिमोट, बेबी वाइप्स, टिश्यूज़, शिशु के एक जोड़ी कपड़े और कुछ पसंदीदा किताबें लेकर बैठें, क्योंकि दूध पिलाने में कम से कम 40 मिनट का वक्त तो लग ही जाता है, ऐसे में किसी चीज़ के लिए आपको बीच में उठना न पड़े.
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- हर बार हाथ धोकर दूध पिलाएं क्योंकि हाथों में कई तरह के जर्म्स होते हैं.
- हर बार दूध पिलाने से पहले अपने स्तनों को कपड़े या वेट टिश्यू पेपर से पोंछकर साफ कर लें.
- तकिए को पीठ के पीछे रखकर आराम से बैठ जाएं.
- अलग- अलग पॉजिशन में बैठकर दूध पिलाने से आपको भी आराम मिलेगा और बच्चे को भी आराम मिलेगा.
- लेकिन अपने पॉस्चर का ध्यान रखें ताकि आपके शरीर में कहीं दर्द ना हो
- गोद में एक और तकिया रखें. तकिया इतना ऊंचा हो कि बच्चे को उस पर लिटाया जाए, तो उसका मुख मां के स्तन के करीब हो, इससे शिशु को दूध पीने में आसानी होती है और मां को ज्यादा झुकना भी नहीं पड़ता.
- बच्चे के सिर, गला, पीठ को अपने हाथों से सहारा देकर रखें. शिशु को अपने नजदीक ले आएं, ताकि वो आसानी से दूध पी सके.
- कोशिश करें कि बच्चे के मुख में एरोओला भाग भी जाए, इससे शिशु को दूध खींचने में आसानी होगी.
- ध्यान रखें कि शिशु की नाक न दबे और वह आसानी से सांस ले पाए.
- दूध पिलाने के बाद शिशु को गोद में कंधे से चिपकाकर डकार ज़रूर दिलाएं, ताकि शिशु के पेट में गैस न बने.
अगर ठीक से नहीं पिलाते हैं दूध,तो बच्चे को हो सकती है ये दिक्कतें
- बच्चे को दूध खींचने में अगर दिक्कत हो रही है इसका मतलब आप ठीक से निप्पल नहीं लगा पाई हैं.
- अगर उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो तुरंत दूध पिलाना रोक दें
- जिनकी डिलीवरी नॉर्मल नहीं है या जिनका सी सेक्शन भी हुआ है उन्हें इन बातों का ज्याजा ख्याल रखना चाहिए
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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