डीएनए हिंदीः खराब लाइफ़स्टाइल और खानपान में गड़बड़ी के कारण लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, इतना ही नहीं, इसकी वजह से कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ रहा है. बता दें कि 7 से 8 अगस्त 2023 के बीच फिल्म डायरेक्टर सिद्दीकी इस्माइल और पेपरफ्राई (Cardiac Arrest Vs Heart Attack) के को-फाउंडर अंबरीश मूर्ति का निधन हो गया. हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट के कारण 24 घंटे के भीतर इन 2 मशहूर लोगों की जान चली गई. ऐसे में एक बार फिर लोगों के मन में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को लेकर डर पैदा हो गया है. दरअसल, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों के बीच काफी अंतर भी होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में है अंतर
बता दें कि हार्ट अटैक के लक्षण 48 घंटे से लेकर 24 घंटे पहले ही नजर आने लगते हैं. इसमें जान बचाने का मौका होता है, जबकि कार्डिएक अरेस्ट में न तो लक्षण दिखाई देते हैं और न ही जान बचाने का मौका मिलता है. दरअसल, हार्ट अटैक के पीछे ब्लड फ्लो का रुकना होता है और कार्डियक अरेस्ट में दिल का कामकाज बंद हो जाता है. हालंकि हार्ट अटैक की वजह से कार्डियक अरेस्ट आ सकता है.
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कार्डियक अरेस्ट आने का कारण
इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, इनमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज की फैमिली हिस्ट्री, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, स्मोकिंग, हार्ट अटैक का इतिहास, उम्र, किडनी की बीमारी शामिल है. इसके अलावा पोटैशियम और मैग्नीशियम की कमी से भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है.
ये हैं पोटेशियम से भरपूर चीजें
बता दें कि खून में पोटैशियम की कमी को हाइपोक्लेमिया कहा जाता है और इसे कार्डियक अरेस्ट की मुख्य वजह मान जाता है. शरीर में इसकी कमी को पूरा करने के लिए किशमिश, खुबानी, फलियां, दाल, आलू, पालक और केले का सेवन करना चाहिए. इन चीजों में पोटैशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है.
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सीपीआर बचा सकती है जान
ऐसी स्थिति में मरीज को अस्पताल ले जाने तक फर्स्ट एड मिलना बहुत जरूरी है और अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट आता है तो उसे तुरंत सीपीआर दी जानी चाहिए. क्योंकि यह जान बचाने में महत्वपूर्ण होती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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