Blood Sugar Symptoms: पेशाब का रंग बता देगा जकड़ रही है डायबिटीज? शुगर बढ़ने के ये लक्षण भी जान लें

ऋतु सिंह | Updated:Jul 07, 2024, 08:49 PM IST

पेशाब का रंग बताता है डायबिटीज का खतरा कितना है

Different Color of urine Sign: डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर बढ़ जाता है. जब शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो यह पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है. इसलिए शरीर में होने वाले इन बदलावों को पेशाब के रंग से पहचाना जा सकता है.

डायबिटीज तब होता है जब शरीर भोजन से कार्बोहाइड्रेट या चीनी को पचा या अवशोषित नहीं कर पाता है, जिससे चीनी को अवशोषित करने के लिए हार्मोन इंसुलिन की आवश्यकता होती है. जब कम या बिल्कुल इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता है, तो यह शर्करा रक्त में तैरती रहती है.

जो शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचकर नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है. शरीर में ज्यादातर बीमारियों के लक्षण पेशाब में दिखाई देते हैं क्योंकि शरीर के जरूरी तरल पदार्थ किडनी में फिल्टर होकर पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं. डायबिटीज में भी ऐसा ही हो सकता है. तो चलिए जाने यूरिन के जरिए कैसे पहचानें की आपको डायबिटीज का खतरा है या नहीं?

ऐसा हो पेशाब का रंग, तो शुगर हाई होने का है खतरा

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज होता है, तो मूत्र के माध्यम से अतिरिक्त चीनी निकलने लगती है. परिणामस्वरूप, मूत्र का रंग हल्का भूरा या बादल के रंग जैसा हो जाता है. ऐसा तब होता है जब रक्त शर्करा का स्तर काफी बढ़ जाता है.

पेशाब का रंग खराब होना कई अन्य बीमारियों के कारण भी हो सकता है. इसलिए अगर पेशाब के रंग के साथ शरीर में कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई दें तो यह डायबिटीज हो सकता है. इसकी जांच होनी चाहिए. 

अगर फास्टिंग शुगर इतनी से ज्यादा तो हो जाए सतर्क

डायबिटीज के लिए सबसे पहले फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच की जाती है. 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से अधिक फास्टिग रक्त शर्करा को डायबिटीज माना जा सकता है लेकिन इसके लिए आगे परीक्षण की आवश्यकता होती है. साथ ही अन्य संकेतों के आधार पर डॉक्टर बाकी टेस्ट भी कराने की सलाह देते हैं.

पेशाब का रंग भूरा क्यों होता है? 
डायबिटीज एक दीर्घकालिक रोग है. किडनी खून से सभी जरूरी और अच्छी चीजों को फिल्टर कर बाकी को बाहर निकाल देती है. लेकिन डायबिटीज की स्थिति में जब शुगर लेवल बढ़ने लगता है तो यह पूरी तरह से फिल्टर नहीं हो पाता और पेशाब के जरिए बाहर निकलने लगता है. इसके बाद पानी में अधिक चीनी घुलने से पेशाब का रंग पानी जैसा हो जाता है. यानी हल्का बेज या भूरा.  

डायबिटीज के अन्य लक्षण
सिर्फ इसलिए कि मूत्र का रंग भूरा है, डायबिटीज की पुष्टि नहीं होती है. इसके साथ ही शरीर में कुछ अन्य लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं.

इसके अलावा डायबिटीज होने पर अधिक प्यास लगती है और बहुद ज्यादा थकान और कमजोरी होने लगती है. डायबिटीज के रोगियों को भूख भी अधिक लगती है और मीठा खाने की इच्छा भी अधिक होती है. एक बार संक्रमित होने पर यह जल्दी ठीक नहीं होता है. हाथ-पैरों में झुनझुनी भी होने लगती है.

अगर इनमें से अधिकतर लक्षण मौजूद हों तो डॉक्टर के पास जाने में देरी न करें.

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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