डीएनए हिंदी: होम गार्डन के गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगे पौधों को स्वस्थ रहने के लिए सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिनकी पूर्ति के लिए पौधों की मिट्टी में कई तरह के खाद या उर्वरक का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में जब इन पौधों में जरूरी पोषक तत्वों (Plants Nutrients Deficiency) की कमी होती है, तो पौधे मुरझाने लगते हैं (Best Gardening Tips). जानकारों की मानें तो पौधों को 17 पोषक तत्व की (Plants Need 17 Nutrients) आवश्यकता होती है. इन सभी 17 पोषक तत्वों के अपने-अपने कार्य हैं. ऐसे में जब भी पौधों में इन पोषक तत्वों की कमी होती है, तो उनमें अलग अलग लक्षण दिखाई देते हैं. इस स्थिति में आप पौधों को देखकर ही ये अंदाजा लगा सकते हैं कि पौधे में किस पोषक तत्व की कमी है. तो चलिए जानते हैं कैसे पता लगा सकते हैं, पौधे में किस पोषक तत्व की है कमी.
बोरान
बोरान की कमी होने पर पौधे के सबसे ऊपर की पत्तियां पीली होने लगती हैं और कलियां सफेद या हल्के भूरे मृत ऊतक की तरह दिखाई देने लगती हैं.
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गंधक
गंधक की कमी की वजह से पत्तियां, शिराओं सहित गहरे हरे से पीले रंग में बदल जाती हैं और बाद में सफेद हो जाती हैं. इसके अलावा इसकी कमी से सबसे पहले नई पत्तियां प्रभावित होती हैं.
मैगनीज
पौधों में मैगनीज की कमी से पत्तियों का रंग पीला-धूसर या लाल-धूसर हो जाता है और शिराएं हरी होती हैं. इसके अलावा पत्तियों का किनारा और शिराओं का मध्य भाग पीला हो जाता है और पीली पत्तियां अपने सामान्य आकार में रहती हैं.
जस्ता
जस्ता की कमी की वजह से सामान्य तौर पर पत्तियों के शिराओं के मध्य पीले पन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं और पत्तियों का रंग कॉसा की तरह हो जाता है.
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मैग्नीशियम
पौधों में मैग्नीशियम की कमी से पत्तियों के आगे का हिस्सा गहरा हरा होकर शिराओं का मध्य भाग सुनहरा पीला हो जाता है और फिर किनारे से अन्दर की ओर लाल-बैंगनी रंग के धब्बे बनने लगते हैं.
फास्फोरस
पौधों में फास्फोरस की कमी से पौधों की पत्तियां छोटी रह जाती हैं और उनका रंग गुलाबी होकर गहरा हरा हो जाता है.
कैल्शियम
कैल्शियम की कमी से पौधे के सबसे ऊपर की पत्तियां प्रभावित होती हैं और काफी देर से निकलती हैं. इसके अलावा ऊपर की कलियां खराब हो जाती हैं.
लोहा
इसकी कमी होने पर नई पत्तियों में तने के ऊपरी भाग पर सबसे पहले पिलेपन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं और शिराओं को छोड़कर पत्तियों का रंग एक साथ पीले हो जाते हैं. साथ ही इसकी कमी होने पर भूरे रंग का धब्बा या मृत उतक के लक्षण पैदा होते हैं.
तांबा
इसकी कमी से पौधों की नई पत्तियां एक साथ गहरी पीले रंग की होने लगती हैं और सूख कर गिरने लगती हैं.
मालिब्डेनम
इसकी कमी से पौधों की नई पत्तियां सूख जाती हैं और हल्के हरे रंग की होने लगती हैं. इसके अलावा मध्य शिराओं को छोड़ कर पूरी पत्तियों पर सूखे धब्बे दिखाई देने लगते हैं. इसके अलावा नाईट्रोजन के उचिट ढंग से उपयोग न होने के कारण भी पुरानी पत्तियां पीली होने लगती हैं.
पोटैशियम
पोटैशियम की कमी से पौधे की पुरानी पत्तियों का रंग पीला और भूरा हो जाता है और बाहरी किनारे कट फटने लगते हैं.
नाइट्रोजन
नाइट्रोजन की कमी से पौधे हल्के हरे रंग के या हल्के पीले रंग के हो जाते हैं और उनकी ग्रोथ रुक जाती है. साथ ही पत्तियां पीली हो जाती हैं.
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