गर्भनिरोधक गोलियां महिलाओं में प्रेग्नेंसी को रोकने का एक प्रभावी और व्यावहारिक तरीका है. हालांकि, हर दवा की तरह इन गोलियों के भी कुछ नुकसान हैं, जिनके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए. असल में ये गोलियां हार्मोन-आधारित होती हैं, जिनमें या तो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन का कॉम्बिनेशन होता है, या केवल प्रोजेस्टिन होता है. वे अंडाशय से अंडों की रिहाई को रोकते हैं और गर्भाशय के चारों ओर बलगम को गाढ़ा करते हैं, जिससे शुक्राणु का गर्भाशय तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है.
अगर इन गोलियों को सही तरीके से लिया जाए तो ये 99 प्रतिशत से भी ज्यादा असरदार होती हैं. हालांकि ये गोलियां अधिकांश महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं, लेकिन कुछ महिलाओं को गंभीर दुष्प्रभाव का अनुभव हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार कुछ प्रमुख और खतरनाक दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं:
रक्त के थक्के:
जन्म नियंत्रण गोलियां रक्त के थक्कों के खतरे को बढ़ा सकती हैं, खासकर उन महिलाओं में जो धूम्रपान करती हैं या 35 वर्ष से अधिक उम्र की हैं.
दिल की बीमारी:
इन गोलियों के लंबे समय तक इस्तेमाल से रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है.
लिवर में ट्यूमर:
जन्म नियंत्रण गोलियां कुछ महिलाओं में लीवर ट्यूमर का कारण बन सकती हैं.
ब्रेस्ट कैंसर का खतरा:
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
मूड में बदलाव और अवसाद:
हार्मोनल बदलावों के कारण कुछ महिलाओं को मूड में बदलाव, चिंता या अवसाद का अनुभव हो सकता है.
किन महिलाओं को रहना चाहिए सावधान?
विशेषज्ञों का कहना है कि 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, जो धूम्रपान करती हैं या जिन्हें उच्च रक्तचाप, थ्रोम्बोसिस या हृदय रोग है, उन्हें इन गोलियों का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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