डीएनए हिंदीः फलियां हमारे आहार में बहुत महत्वपूर्ण हैं. डायबिटीज वालों के लिए छिलके वाली दालें बेस्ट हैं लेकिन कौन सी दाल शुगर को कंट्रोल करने के लिए बेस्ट है, ये जानना जरूरी है. अगर आप कार्ब्स छोडकर हाई प्रोटीन बीन्स या दाल खाना शुरू कर दें तो ब्लड ग्लूकोज लेवल अपने आप ही कंट्रोल होने लगेगा. बीन्स और दालें में मौजूद फाइबर कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को धीमा कर देता है और शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं.
छिलके वाली दालें फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होती हैं, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है. यदि आप शाकाहारी हैं तो यह एक उत्कृष्ट स्रोत है. यहां तक कि मांसाहारी लोग भी एक वेजेटिरियन ऑप्शन के रूप में छिलके वाली दाल ले सकते हैं. छिलके वाली दालें आम तौर पर वसा में कम होती हैं और आपके वजन को नियंत्रण में रखती हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि तीन बड़े चम्मच (70 ग्राम) छिलके वाली दाल, सब्जियों और फलों के समान ही पोषक तत्व प्रदान करते हैं.
मूंग दाल को आहार में क्यों शामिल करना चाहिए?
छिलके वाली दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 38 है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स मापता है कि कोई भोजन हमारे रक्त शर्करा के स्तर को कितनी जल्दी प्रभावित कर सकता है. 55 से कम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है. चने में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होता है. छिलके वाली दालें एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं. 2015 के एक अध्ययन में बताया गया है कि छिलके वाली दालें रोगियों के लिए फायदेमंद हैं. मूंग की दाल फाइबर, प्रोटीन और खनिजों से भरपूर होती है. इन दालों में मौजूद आयरन डायबिटीज के मरीज को एनीमिया से भी बचाते हैं.
पकने के बाद भी पोषक तत्व बने रहते हैं
छिलके वाली दाल को पकाने में ज्यादा समय नहीं लगता है. मूंग की दाल खाने से भूख नियंत्रित रहती है. पकाने का तरीका छिलके वाली दाल के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को प्रभावित करता है, लेकिन पकाने के बाद भी उनमें कई पोषक तत्व होते हैं.
कच्चा या पका कर खाएं मूंग
हम अक्सर अपने आहार में सिंगल बीन्स को शामिल करते हैं, लेकिन आप छिलके वाली दाल को अलग-अलग तरीकों से शामिल कर सकते हैं. आप दाल को उबालकर भी खा सकते हैं. इसके अलावा, आप मूंग को सलाद में शामिल कर सकते हैं और इसे अपने आहार में भी शामिल कर सकते हैं.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.