डीएनए हिंदीः आज इंटरनेशन डे ऑफ गर्ल चाइल्ड है और उनके लिए ये खबर बेहद खास है जो यह समझते हैं कि बेटियां होने के लिए मां जिम्मेदार होती है. शायद उनको यह नहीं पता कि पिता ही बेटियों के जन्म का कारक होता है और मां केवल जरिया. यहां आपको दो ऐसी रिसर्च के बारे में बताएंगे जो आपकी आंखें जरूर खोल देंगी.
सबसे बड़ी बात ये है कि जिनकी भी बेटियां होती हैं उनके पिता की उम्र में एक या दो नहीं बल्कि पूरे 74 हफ्ते तक बढ़ जाती है. यही नहीं ऐसा माना जाता है कि बेटियों के साथ रहने से पूरे परिवार में खुशियां आती हैं. पिता बेटों के बजाय बेटियों के साथ ज्यादा खुशी महसूस करते हैं. ये बातें बिना किसी आधार के नहीं, बल्कि रिसर्च बेस्ड पर बताई जा रही है, तो चलिए जानें क्या कहती है ये रिसर्च.
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पौलेंड की जेगीलोनियन यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि बेटी के जन्म लेने से पिता की उम्र लगभग 74 हफ्ते का इजाफा होता है. जबकि बेटे के जन्म लेने पर ऐसा कोई बदलाव नहीं होता है.
असल में रिसर्च के दौरान पाया गया कि प्रेग्नेंसी के दौरान पिता का बेटी से संबंध ज्यादा प्रगाढ़ होने लगता है. इस शोध में करीब 4310 लोगों को शामिल किया, जिसमें 2147 मां और 2163 पिता थे. शोध में पाया गया कि बेटियों के जन्म के बाद पिता की खुशियों और बेटी के लिए खुद को हेल्दी बनाए रखने की ललक ज्यादा थी. बच्चे के साथ पिता
ज्यादा समय गुजारने लगे थे जिसके कारण उनकी बॉयोलॉजिकल ऐज तेजी से कम हुई थी.
एक और रिसर्च अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन बायोलॉजी ने की और इसमें पाया गया कि बेटी के पैदा होने से पिता की कार्यक्षमता बढ़ जाती है.
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अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन जर्नल बिहेवियरल न्यूरो साइंस में प्रकाशित स्टडी के अनुसार जब एक बेटी अपने पिता के साथ होती है तो उनके ब्रेन के सिग्नल बेटे के साथ होने की तुलना में बिल्कुल अलग होते हैं. बेटियों की छोटी-छोटी बातें पिता को खुश करती है और इससे दिमाग में हैप्पी हार्मोंस बढ़ने लगते है. वहीं पिता बेटों के बजाय बेटियों के सामने अपनी भावनाएं ज्यादा अच्छी तरह व्यक्त कर पाते हैं.
इतना ही नहीं, शोधकर्ताओं ने बेटियों का पिता के साथ बर्ताव देखने के लिए उनके दिमाग की एमआरआई भी की और पाया कि पिता बेटों के बजाय बेटियों के साथ ज्यादा खुश रहते हैं. वे खुद को बेटियों के ज्यादा करीब पाते हैं.