डीएनए हिंदी: पानी हमारी बॉडी के लिए बहुत जरूरी है. शरीर में पानी की कमी से कई समस्याएं हो सकतीं हैं. पानी की कमी बच्चों में ज्यादा होती है. इसकी वजह बच्चों का खेल में मशगुल होकर भूख प्यास सब भूल जाना है. वह काफी देर तक पानी नहीं पीते. ऐसे में कई बार पानी को कमी हो जाती है. ऐसे में पानी की कमी को कभी इग्नोर नहीं करना चाहिए. शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. यह बच्चों के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है. बच्चों में इसके कई लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें भूलकर भी अनदेखा नहीं करना चाहिए.. .
इन लक्षणों को इग्नोर ना करें
बच्चे कई बार अपनी प्यास को समझ नहीं पाते या बता नहीं पाते, लेकिन पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए. इसी वजह से डिहाइड्रेशन बच्चों के लिए बड़ी समस्या बन कर सामने आता है. इसके लक्षण आंखें अंदर की तरफ धंस जाना, पेशाब कम आना, हाथ पैर ठंडे पड़ना और बच्चे का खेल-कूद का मन ना करना है.
इस वजह से होती है बच्चों में डिहाइड्रेशन
एक्सपर्ट द्वारा बताया गया है कि जब बच्चें पानी, जूस या तरल पदार्थों का सेवन कम करते है तो उन्हें डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है. इसके साथ ही दस्त, उल्टी, बुखार भी डिहाइड्रेशन की वजह बनतीं हैं.
बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है डिहाइड्रेशन
एक रिसर्च की मानें तो बच्चों के शरीर में पानी की कम मात्रा उन्हें ज्यादा प्रभावित करती है. इसे बच्चों को डिहाइड्रेशन होने पर सिर दर्द, जी मिचलाना और चिड़चिड़ापन जैसी परेशानी होने लगती है. इतना ही नहीं कभी कभी कुछ बच्चों को शरीर में पानी की कमी की वजह से सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है.
बच्चों को कितना पानी पीना चाहिए
बच्चों को डिहाइड्रेशन जैसी समस्या से बचाने के लिए सही मात्रा में पानी पिलाते रहे, एक्सपर्ट के हिसाब से 1 से 3 साल के बच्चों को 4 कप पानी फिर 1.5 कप पानी कुछ फलों से, वहीं 9 से 13 साल के बच्चों को 5 कप पानी और 2 कप जूस का सेवन कराना जरूरी है.
इन बातों का रखे ध्यान
बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें जैसे स्वच्छता बनाए रखें. साथ ही तरल पदार्थ का सेवन करते रहें, और दिन में दो फल जरूर खाएं इसके साथ ही रोजाना डाइट में ताजी सब्जियां भी शामिल करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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