डीएनए हिंदी: डेंगू का कहर लगातार बढ़ रहा है. राजधानी दिल्ली समेत देश के कई अन्य हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मामले बढ़े हैं. इसलिए इस वक्त मच्छरों को लेकर (Dengue Test Name) काफी सतर्क रहने की जरूरत है ताकि आप डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से दूर रह सके. डेंगू के लक्षण अन्य मौसमी बीमारियों से मिलते जुलते हैं, इसलिए किसी भी बड़ी दिक्कत से बचने के लिए जल्द से जल्द इसका टेस्ट करवाना जरूरी है. ऐसे में एक बार टेस्ट करवा कर आप उस बीमारी का सही इलाज करवा सकते हैं. आइए जानते हैं कि डेंगू में कौनसे टेस्ट (Dengue Fever) करवाए जाते हैं. साथ ही जानेंगे कौनसा टेस्ट कब करवाना चाहिए. जिससे आप डेंगू (How To Detect Dengue) का पता कर पाएंगे और अगर कोई दिक्कत होगी तो समय पर इसका इलाज हो सकेगा…
इन टेस्ट से लगता है डेंगू का पता
डेंगू का शक होने पर डॉक्टर्स कई तरह के टेस्ट करवाते हैं, जिनसे डेंगू होने या न होने की पुष्टि हो जाती है. बता दें कि इन टेस्ट में डेंगू एंटीजन टेस्ट, सीबीसी, आईजीजी जैसे कुछ टेस्ट शामिल होते हैं और डॉक्टर्स लक्षणों के समय के आधार पर तय करते हैं कि कौनसे टेस्ट करवाने चाहिए. इसलिए अगर आपके शरीर में कोई भी दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवाई लें या कोई टेस्ट करवाएं.
टेस्ट के नाम
NS1
इस टेस्ट को ही डेंगू एंटीजन टेस्ट कहा जाता है और डेंगू के लक्षण सामने आने पर 5 दिनों के भीतर इस टेस्ट को करवाना सही होता है. बता दें कि यह परीक्षण डेंगू के शुरुआती दिनों में अच्छे से परिणाम देने में सक्षम होता है, लेकिन जैसे जैसे इसके लक्षण बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे इसकी जांच की प्रामाणिकता भी कम होने लगती है. इस टेस्ट को लक्षण आने के पांच दिन के अंदर ही करवाना जरूरी है. इसलिए ही डॉक्टर्स शुरुआती लक्षण के दौरान ये टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं.
एलाइज़ा
एंटीजन के अलावा एलाइजा टेस्ट पर भरोसा किया जाता है और इसका परिणाम सबसे सही माना जाता है. इसमें भी दो टेस्ट होते हैं पहला आईजीएम और दूसरा आईजीजी. आईजीएम टेस्ट डेंगू के लक्षण आने से 3-5 दिन के अंदर-अंदर करवाना जरूरी है और आईजीजी भी 5 से 10 दिन के अंदर करवाना अनिवार्य है. बता दें कि ज्यादातर मामलों में आईजीजी टेस्ट ही करवाया जाता है. हालांकि यह डॉक्टर की सलाह और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है.
डेंगू बुखार है या नहीं कब चलता है पता
बता दें कि डेंगू का मच्छर काटने के एक-दो दिन बाद डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. ऐसे में बुखार के साथ आंखें लाल हो जाती है और खून में कमी होने लगती है. इसके अलावा कुछ लोगों को चक्कर आने की वजह से बेहोशी छा जाती है. आमतौर पर डेंगू बुखार और सामान्य बुखार में अंतर करने का एक सबसे अहम लक्षण माना जाता है और वो है जुकाम. दरअसल डेंगू होने पर जब बुखार होता है तो बुखार के साथ बदन दर्द भी रहता है और सामान्य वायरल या बुखार में फीवर के साथ जुकाम आदि भी होती है.
न बरते लापरवाही
अगर आपको इस मौसम में बुखार के साथ बदन दर्द है और जुकाम नहीं है तो उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और प्लेटलेट्स आदि की जांच करवाएं. इसके अलावा जो लोग बुखार होने पर एक-दो दिन होम मेडिसिन से काम चला रहे हैं तो ऐसा ना करें और बुखार होते ही डॉक्टर से संपर्क करें. अगर जुकाम के साथ फीवर है तो एक दो दिन होम ट्रिटमेंट लिया जा सकता है लेकिन इस स्थिति में जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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