डायबिटीज उन घातक बीमारियों में से एक है. इसलिए ब्लड शुगर को नियंत्रित करके इस बीमारी से बचा जा सकता है. जब कोई डायबिटीज से पीड़ित होता है तो उसमें कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. अगर आपको भी अपने शरीर में ये लक्षण दिखाई दें तो समझ लें कि ये डायबिटीज के संकेत हैं.
डायबिटीज में अधिक प्यास लगने से लेकर थकान, धुंधली दृष्टि, तेजी से वजन कम होना और बार-बार पेशाब आना शामिल है. ऐसे में व्यक्ति को अपने ब्लड शुगर की जांच जरूर करानी चाहिए. ये सभी समस्याएं हाई ब्लड शुगर के कारण होती हैं. कई बार कंधे में दर्द या गर्दन के आसपास काली स्किन, पीठ में दर्द भी इंसुलिन संवेदनशीलता का संकेत देते हैं.
डायबिटीज के लक्षण आंखों में भी नजर आ सकते हैं
हाई ब्लड शुगर के स्तर के कारण, रेटिना में रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं. इससे आंखों की समस्या हो जाती है. इनमें मुख्य रूप से मोतियाबिंद, धुंधली दृष्टि, ग्लूकोमा और डायबिटिक रेटिनोपैथी शामिल हैं. ऐसे लक्षण दिखने पर डायबिटीज की जांच कराने के साथ ही डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
डायबिटीज के लक्षण पैरों में होते हैं
डायबिटीज का असर आपके पैरों पर भी दिखना शुरू हो जाता है. डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण पैरों में झुनझुनी महसूस होती है. इसका कारण पैरों में रक्त संचार की कमी होना है. इसके अलावा हाई डायबिटीज के कारण पैर में लगी चोट जल्दी ठीक नहीं होती है.
मसूड़े भी डायबिटीज के लक्षण दिखाते हैं
विशेषज्ञों के मुताबिक, मसूड़ों में भी डायबिटीज के लक्षण दिखने लगते हैं. यह नस में रुकावट और खून का थक्का जमने के कारण होता है. इससे मसूड़ों में रक्त संचार कम हो जाता है. इससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. इससे बैक्टीरिया भी बढ़ते हैं. जो आपके मसूड़ों में बीमारी का कारण बनता है. इनमें दर्द भी महसूस होता है.
डायबिटीज, किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है
डायबिटीज रोगियों में हाई ब्लड शुगर का स्तर किडनी से लेकर हार्ट तक को नुकसान पहुंचाता है. शुगर हाई होते ही किडनी में मौजूद छोटी रक्त वाहिकाएं बंद हो जाती हैं. इससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है. इसके परिणामस्वरूप मूत्र में प्रोटीन आता है, पेशाब करने की इच्छा बढ़ जाती है, पैरों, टखनों, हाथों और आंखों में सूजन, मतली, उल्टी और थकान होती है. ये सभी लक्षण उन्नत डायबिटीज का संकेत देते हैं. इसका यह हृदय और तंत्रिकाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है
हाई ब्लड शुगर का स्तर नसों के साथ-साथ हृदय को भी प्रभावित करता है. इससे दिल का दौरा और यहां तक कि स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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