गलत खान-पान, मोटापा और अनियमित जीवनशैली ही कई बीमारियों का कारण होती है. हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी बीमारियों के पीछे यही मुख्य वजह होती हैं. डायबिटीज एक नहीं, कई बीमारियों की वजह होती है. डायबिटीज को बिगड़ने से रोकना जरूरी है ताकि दूसरी गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है. आज आपको एक ऐसे संकेत के बारे में बताने जा रहे हैं जो डायबिटीज में कभी भी नजर आए तो उसे हल्के में न लें.
डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है, जिससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन समस्याओं में बार-बार चक्कर आना भी शामिल है. कुछ डायबिटीज रोगियों को बार-बार चक्कर आने का अनुभव होता है. आइए जानते हैं कि डायबिटीज रोगियों को बार-बार चक्कर क्यों आते हैं-
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डायबिटीज के कारण अक्सर चक्कर क्यों आते हैं?
डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज के मरीज लगातार ब्लड शुगर कम करने वाली दवाएं ले रहे हैं. दवा की अधिक मात्रा लेने या किसी कारण से रक्त शर्करा का स्तर बहुत कम हो जाने के कारण मरीजों को बार-बार चक्कर आने का अनुभव हो सकता है. इसके अलावा, उच्च शर्करा स्तर भी चक्कर आने का कारण बन सकता है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
निम्न रक्त शर्करा के कारण चक्कर आ सकते हैं
निम्न रक्त शर्करा की स्थिति, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है, टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्ति में हो सकती है. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, निम्न रक्त शर्करा का स्तर आमतौर पर 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम/डीएल) से नीचे होता है. हालाँकि यह व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न हो सकता है. शोध से पता चलता है कि डायबिटीज से पीड़ित 11-44% लोगों को रक्त शर्करा कम होने पर चक्कर आने का अनुभव होता है. कुछ अन्य संकेत इस प्रकार हैं-
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- अस्थिरता
- चिंतित या बेचैन महसूस करना
- पसीना, ठंड लगना या चिपचिपाहट
- चिड़चिड़ापन और उलझन महसूस होना
- बढ़ी हृदय की दर
- हल्का महसूस करो
- भूख न लगना और मतली आदि.
- उच्च रक्त शर्करा
उच्च रक्त शर्करा यानी हाइपरग्लेसेमिया होने पर मरीजों को चक्कर आने का अनुभव हो सकता है. टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में, शरीर शर्करा को प्रबंधित करने के लिए इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है, जिससे हाइपरग्लेसेमिया होता है.
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं, जैसे-
- मूत्र में शर्करा का उच्च स्तर
- जल्दी पेशाब आना
- अत्यधिक प्यास लगना आदि.
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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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