डीएनए हिंदीः नए शोध के अनुसार हर दिन अगर आप ब्लैक टी पी लें तो ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा और टाइप 2 डायबिटीज कंट्रोल होने लगेगा. ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड विश्वविद्यालय और चीन में साउथईस्ट विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि रोजाना डार्क टी पीने वालों में उम्र जैसे स्थापित जोखिम कारकों को नियंत्रित करने के बाद भी प्रीडायबिटीज का खतरा 53 प्रतिशत कम हुआ और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 47 प्रतिशत कम था.
अध्ययन के सह-प्रमुख लेखक एसोसिएट प्रोफेसर बताते हैं कि ब्लैक टी हृदय रोग और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करता है और ये मूत्र में ग्लूकोज उत्सर्जन में वृद्धि, इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार कर ब्लड शुगर को कम करता है.
मेटाबॉलिक कंट्रोल में भी ब्लैक टी बेस्ट होता है. इसमें माइक्रोबियल फर्मेंटेशन शामिल होते हैं, और ये एंटीऑक्सीडेंट और बायोएक्टिव यौगिकों (अल्कलॉइड, मुक्त अमीनो एसिड, पॉलीफेनोल, पॉलीसेकेराइड और उनके डेरिवेटिव सहित) का उत्पादन करते हैं और साथ ही सूजनरोधी, इंसुलिन संवेदनशीलता और अग्न्याशय में बीटा कोशिकाओं के प्रदर्शन में सुधार करते हैं, और आंत में बैक्टीरिया की संरचना को बदलते हैं.
नवीनतम क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन में चीन के 8 प्रांतों के समुदाय में रहने वाले 1,923 वयस्कों (562 पुरुष, 20-80 वर्ष की आयु वाली 1,361 महिलाएं) को शामिल किया गया. कुल मिलाकर, 436 प्रतिभागी डायबिटीज से और 352 प्रीडायबिटीज से पीड़ित थे, और 1,135 का ब्लड शुगर स्तर सामान्य था. सभी को महीने भर काली चाय दी गई और उनका शुगर का स्तर कम होने लगे.
शोधकर्ताओं ने चाय के सेवन से मूत्र में ग्लूकोज के उत्सर्जन बढ़ जाता है. डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अक्सर गुर्दे की ग्लूकोज पुनर्अवशोषण की बढ़ी हुई क्षमता होती है, इसलिए उनकी किडनी अधिक ग्लूकोज एब्जार्ब करती है, इसे मूत्र में उत्सर्जित होने से रोकती है, जो उच्च ब्लड शुगर का कारण बन जाती है.
तो अगर आपको हर दिन डार्क टी यानी काली चाय पीना शुरू कर दें तो आपको टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो जाएगा.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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