Eye Flu से जा सकती है आंखों की रोशनी, एक्सपर्ट्स से जानें इसकी वजह और इलाज

Written By नितिन शर्मा | Updated: Jul 28, 2023, 12:02 PM IST

बरसात के मौसम में बैक्टीरिया और संक्रमण की वजह से आई फ्लू तेजी से फैलता है. इस समय में अपनी आंखों का खास ध्यान रखने की जरूरत है. 

डीएनए हिंदी: (Eye Flu Affection Eyesight ) मानसून के मौसम में बरसात और दिल्ली एनसीआर में आई बाढ़ से आई फ्लू का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसे कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है. यह आंखों की एक बीमारी है,​ जिसे आंख आना या पिंक आई भी कहते हैं. इसकी बड़ी वजह बरसात के मौसम में तेजी से फैलता बैक्टीरिया और उमस है. यह दोनों ही चीजें आंखों को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है. इसकी वजह से आई फ्लू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसे आंखों में सूजन, पानी आना, खुजली और लालपन आ जाता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो आई फ्लू होने पर आंखों में ज्यादा खुजाने या इसके ठीक न होने पर आंखों की रोशनी तक जा सकती है. ऐसी स्थिति में समस्या बढ़ने पर बिल्कुल भी लापरवाही न करते हुए तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें. 

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Eye Flu के फैलने की वजह क्या है

नोएडा के सेक्टर 26 स्थित आई केयर अस्पताल के सीईओ डॉ सौरभ चौधरी ने बताया कि आई फ्लू कंजक्टिवाइटिस एक तरह का संक्रमण है. यह गंदे बैक्टीरिया और सफाई का ध्यान न रखने की वजह से फैलता है. आई फ्लू इंफेक्शन की वजह से आंखें लाल हो जाती है. आंखों में खुजली होने लगती है. साथ ही सूजन और पानी आने लगता है. ऐसी स्थिति में भूलकर भी आंखों को बार बार टच और खुजली न करें. इसकी वजह इंफेक्शन और ज्यादा बढ़ सकता है. इसके साथ ही आंखों की रोशनी को भी नुकसान पहुंचने का पूरा खतरा रहता है. इस मौसम में खासकर किसी आई फ्लू संक्रमित से अपना तौलिया, रुमाल शेयर न करें. हाथों को बार बार धो लें. सफाई का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखें. आंखों को टच न करें. इन्हीं सब बातों की अनदेखी करने पर आई फ्लू तेजी से फैलता है.

आई फ्लू की वजह से जा सकती है आंखों की रोशनी

डॉक्टर सौरभ चौधरी बताते हैं कि मानसून के मौसम में आई फ्लू हर साल आता है. यह इंफेक्शन जितना तेजी से फैलता है. उतना ही जल्दी ठीक भी हो जाता है, लेकिन कंजक्टिवाइटिस के दौरान आंखों को ज्यादा खुजाने से आंखों में बड़ी समस्या हो जाती है. कई दिनो तक आंखें लाल दिखती है. 100 में से 5 लोगों में आंखों का कॉर्निया पर सफेद निशान बन जाते हैं. यह लक्षण आंखों की रोशनी को प्रभावित करने वाला होता है. हालांकि यह सभी में नहीं आता, लेकिन जिन लोगों में भी आता है. उनकी आंखों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए. 

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कंजक्टिवाइटिस में डॉक्टर की परामर्श पर ही लें दवाई

डॉक्टर बताते हैं कि कंजक्टिवाइटिस होने पर कुछ लोग डॉक्टर से परामर्श लेने की जगह अपनी मर्जी या फिर मेडिकल स्टोर संचालकों की सलाह पर आई ड्रॉप ले लेते हैं. ऐसा करने से आपकी आंखें और भी ज्यादा प्रभावित हो सकती हैं. यह कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है. डॉक्टर बताते हैं कि कंजक्टिवाइटिस मामूली है तो अपने आप ठीक हो जाएगा, लेकिन इसके 4 से 5 बाद भी ठीक न होने पर गंभीर होने की जरूरत है. ऐसी स्थिति में आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

ये हैं आई फ्लू से बचने के उपाय

-बार बार हाथों से आंखों को टच न करें
-हाथों की अच्छे से सफाई करें
-अपनी आंखों को दिन में दो से तीन बार ठंडे और साफ पानी धोएं
-आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के साथ तौलिया, कपड़े या रुमाल शेयर न करें. 
-आई फ्लू के दौरान टीवी या मोबाइल से दूरी बनाकर रखें. 
-बिना डॉक्टर को दिखाएं आई ड्रॉप न लें
-आंखों में ज्यादा दर्द, सूजन बढ़ने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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