Success Story: कैंपस प्लेसमेंट में पहले ही राउंड में फेल, लेकिन अक्षत चतुर्वेदी करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी, जानें कैसे?

ऋतु सिंह | Updated:Oct 01, 2024, 05:30 PM IST

अक्षत चतुर्वेदी

कैंपस प्लेसमेंट में पहले ही राउंड में फेल फिर 300 स्टूडेंट्स में से 5 बाहर और अंत में कैंपस में मिली नाकामी, लेकिन इस युवा ने हार नहीं मानी, बल्कि अपने दम पर आज करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी है. क्या है अक्षत चतुर्वेदी का सफर और कैसे यहां तक पहुंचे, चलिए जानें

कहानी शुरू होती है एक साधारण से लड़के से, जो हर दूसरे स्टूडेंट की तरह कैंपस प्लेसमेंट के सपने देख रहा था. नाम है अक्षत चतुर्वेदी. इंजीनियरिंग के सातवें सेमेस्टर में जब कैंपस प्लेसमेंट का दौर आया, तो सभी की निगाहें थीं बड़ी कंपनियों पर, खासकर Capgemini जैसी इंटरनेशनल कंपनी पर. लगभग 300 स्टूडेंट्स ने इस प्लेसमेंट ड्राइव में हिस्सा लिया. लेकिन जब पहला राउंड, यानी Aptitude Test हुआ, तो अक्षत समेत 5 स्टूडेंट्स बाहर हो गए.

अब सोचिए, जिस लड़के ने अपनी पहली जॉब के सपने देखे थे, वो पहले ही राउंड में बाहर हो गया! दोस्तों और परिवार से ताने सुनना तो जैसे तय था. लेकिन अक्षत की कहानी यहीं खत्म नहीं होती. असल में, यहीं से उसकी असली कहानी शुरू होती है.

“वह भी उनमें से एक था,” अक्षत ने मुस्कुराते हुए कहा. कैंपस में मिली इस नाकामी ने उन्हें झकझोर दिया था, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी माँ से मोटिवेशन लिया. अक्षत बताते हैं कि जब उन्हें प्लेसमेंट में रिजेक्शन मिला, तब उनकी माँ ने उन्हें कहा,  “नियति हमेशा कुछ बड़ा सोच रही होती है, तुम्हारे लिए कुछ खास होगा.” और वाकई, मां की बातें सच साबित हुईं.

अक्षत ने ठान लिया कि वह अपने पिता की तरह बिज़नेस करेंगे. पिता ओमप्रकाश चतुर्वेदी का प्लास्टिक ग्रेन्यूल्स का छोटा सा व्यापार था, लेकिन उसमें संघर्ष और मेहनत भरपूर थी. बचपन में अक्षत ने देखा था कि किस तरह उनके पिता व्यापार में लगातार चुनौतियों का सामना करते रहे, और शायद यहीं से अक्षत ने भी संघर्ष करना सीखा.

लेकिन बिज़नेस शुरू करना आसान नहीं था. लंबे समय तक असमंजस में रहने के बाद, कुछ दोस्तों की मदद से उन्हें आईटी इंडस्ट्री में हाथ आजमाने का मौका मिला. और फिर, जनवरी 2020 में, अक्षत ने लॉन्च किया अपना स्टार्टअप — Brain Box Apps.

शुरुआत आसान नहीं थी. न ग्राहक थे, न कोई बड़ा प्रोजेक्ट. लेकिन अक्षत ने हिम्मत नहीं हारी.  Freelancer जैसे प्लेटफार्मों पर छोटे-मोटे काम करते-करते धीरे-धीरे कस्टमर्स मिलने लगे. 

“कई बार लगा कि शायद मैंने गलत फैसला लिया है,” अक्षत बताते हैं. शुरुआती दिनों में कोई काम नहीं होता था और दिन बिस्तर पर लेटे-लेटे यह सोचने में गुजर जाता था कि आखिर वह क्या करें. लेकिन हर मुश्किल घड़ी में उनके माता-पिता ने उनका साथ दिया, खासकर उनकी माँ. 

फिर एक दिन, अक्षत को उनके पहले बड़े प्रोजेक्ट का ऑर्डर मिला. यह था Musele Delta Therapy, Eagles Flights कंपनी का काम. अक्षत ने पूरी लगन और मेहनत से यह प्रोजेक्ट पूरा किया, और आज भी वह कंपनी उनके साथ काम कर रही है. 

आज, अक्षत की कंपनी 600 से ज्यादा कंपनियों को आईटी सेवाएँ प्रदान कर रही है. मोबाइल ऐप डेवलपमेंट से लेकर टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस तक, अक्षत ने अपने बिज़नेस को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया है.

हाल ही में, राजस्थान इनोवेशन लीडरशिप अवार्ड 2022 में उन्हें *Best Employer Brand Award से भी सम्मानित किया गया था. यह अवार्ड *वर्ल्ड इनोवेशन कांग्रेस द्वारा आयोजित किया गया था, जो उनकी मेहनत और उपलब्धियों का प्रमाण है.

“मैंने फिर कभी कोई इंटरव्यू नहीं दिया,” अक्षत हंसते हुए कहते हैं. और क्यों देते? जब खुद का बिज़नेस इतना बड़ा हो जाए कि दूसरों को जॉब देने की स्थिति में हो, तो इंटरव्यू की जरूरत ही क्या!

अक्षत चतुर्वेदी की यह कहानी सिर्फ एक उदाहरण है कि किस तरह एक असफलता आपकी ज़िंदगी की दिशा बदल सकती है. कैंपस प्लेसमेंट में फेल होकर भी उन्होंने करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी और ये साबित कर दिया कि असफलता आपको नहीं, आपकी हिम्मत और मेहनत को परिभाषित करती है.

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