Cancer Treatment: कैंसर को खत्म करने आ रहा फूड सप्लीमेंट, शरीर में घातक कोशिकाओं का विकास रुकेगा

Written By ऋतु सिंह | Updated: Feb 28, 2024, 06:22 AM IST

Food supplement eliminate cancer

मेटास्टेसाइज्ड थेरेपी (Metastases Therapy) के जरिये कैंसर (Cancer) के खतरे को कम करने की टाटा मेमेरियल (Tata Memorial) की पहल की है. इस थैरेपी से कैंसर सेल कैंसर सेल को बढ़ने से रोका जाएगा.

कैंसर (Cancer) दुनिया में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) ने कैंसर के उपचार के कई विकल्प विकसित किये हैं. लेकिन आज तक ऐसी कोई चीज़ नहीं खोजी गई है जो शरीर से कैंसर कोशिकाओं (Cancer Cells) को पूरी तरह ख़त्म कर सके. कैंसर कोशिकाएं शरीर में बहुत तेजी से फैलती हैं जिससे इस बीमारी से जीतना मुश्किल काम हो जाता है.

ऐसी स्थिति में टाटा मेमोरियल सेंटर (Tata Memorial Center) के डॉक्टरों द्वारा तैयार की गई न्यूट्रास्युटिकल थेरेपी (Nutraceutical Therapy) कैंसर रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इसे विकसित करने वाले डॉक्टरों की टीम का कहना है कि यह थेरेपी मेटास्टेसिस कैंसर के इलाज और जोखिम को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई है. इस शोध में डॉक्टरों को एक दशक से अधिक का समय लगा.

मेटास्टैटिक कैंसर क्या है?

मेटास्टेटिक कैंसर वह स्थिति है जब घातक कैंसर कोशिकाएं शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैलने लगती हैं. लेकिन कैनेडियन कैंसर सोसायटी के अनुसार, मेटास्टैटिक कैंसर शब्द का प्रयोग आमतौर पर केवल ठोस ट्यूमर, जैसे स्तन, प्रोस्टेट या फेफड़ों के कैंसर के लिए किया जाता है.

न्यूट्रास्युटिकल थेरेपी क्या है?

शोध करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि न्यूट्रास्युटिकल एक खाद्य या खाद्य पूरक है जिसे आरसीयूआर और सीयू कहा जाता है. इसे तांबे और अंगूर तथा बेरी के पौधों से तैयार किया जाता है. इसमें अतिरिक्त बायोएक्टिव यौगिक और औषधीय गुण होते हैं जो बुनियादी पोषक तत्वों के अलावा शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं.

कैंसर के इन मरीजों में दिखते हैं हैरान करने वाले असर-

पिछले कुछ सालों से न्यूट्रास्यूटिकल्स का इस्तेमाल कैंसर के मरीजों के लिए किया जाने लगा है. परिणामस्वरूप मुंह, रक्त, मस्तिष्क और पेट के कैंसर में सुधार हुआ है.

अध्ययनों से कीमो और रेडियोथेरेपी के जोखिमों का पता चला है-

अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉ. इंद्रनील मित्रा ने टीओआई को बताया कि, इस अध्ययन के दौरान, हमने कैंसर उपचार कीमो और रेडियोथेरेपी के जोखिमों के बारे में भी जाना. हालाँकि, यह थेरेपी कैंसर की प्राथमिक ट्यूमर कोशिकाओं को मार देती है. लेकिन इससे मृत कोशिकाएं क्रोमेटिन छोड़ती हैं, जिसे सीएफसीएचपी कहा जाता है. यह रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में जाता है और कैंसर का कारण बनता है.