Yoga For Irregular Periods: पीरियड्स रेग्युलर नहीं हैं तो इस योग से होगी सारी दिक्कतें दूर, पेट दर्द में मिलेगा आराम

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jan 01, 2024, 03:33 PM IST

Rregular Period Treatment

अगर आप अनियमित पीरियड्स झेल रही या आपको पीरियड्स से समय काफी दर्द होता है तो आपके लिए कुछ योग बहुत कारगर साबित होंगे.

डीएनए हिंदीः मासिक धर्म (पीरियड्स) महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा है. मासिक धर्म हर महीने एक निश्चित अवधि के बाद होता है लेकिन कई महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म का अनुभव होता है. अनियमित मासिक धर्म का असर स्वास्थ्य पर पड़ता है. नियमित रूप से कुछ प्रकार के योग (Yoga for अनियमित period) करने से पीरियड्स नियमित हो सकते हैं.
 
पीरियड्स महिलाओं की जिंदगी का अहम हिस्सा है. मासिक धर्म हर महीने एक निश्चित अवधि के बाद होता है लेकिन कई महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म के साथ ही कई बार पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग की समस्या होत है. कई बार डॉक्टर के पास जाने से भी फायदा नहीं होता लेकिन आज हम आपको योग के कुछ प्रकार बताने जा रहे हैं. इस प्रकार के योग (Yoga For Irregular period) के नियमित अभ्यास से मासिक धर्म को नियमित करने में मदद मिल सकती है.  )
 
योगा प्रैक्टिशनर मृणालिनी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में, मृणालिनी कुछ योग आसन दिखाती हैं जो महिलाओं के मासिक धर्म चक्र के लिए बहुत उपयोगी हैं. वो योग हैं  -

उत्कट कोणासन 5-10 बार और मालासन 60 सेकेंड तक करना चाहिए  

बंधकोणासन (तितली मुद्रा) 60 सेकंड के लिए करना चाहिए और अर्धमत्स्येंद्रासन को दोनों तरफ 30-60 सेकंड के लिए करना चाहिए  

मार्जरासन 5-10 बार करें. इस आसन के बारे में कम ही लोग जानते हैं लेकिन आपको इसके फायदे नजर आएंगे.  

इन कारणों से होती है पीरियड्स में समस्या

अनियमित पीरियड्स खराब आहार, अनियमित नींद, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, पीसीओडी, आनुवंशिकी, अधिक वजन और शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण हो सकते हैं.

डाइट का रखे ध्यान 
अपने आहार में चीनी, नमक, स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थ, तैलीय खाद्य पदार्थ कम करें. हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए. सलाद खाओ खूब सारा पानी पीएं. अतिरिक्त वजन/वसा कम करें. नियमित रूप से पैदल चलना/जॉगिंग करना, रस्सी कूदना, सूर्य नमस्कार, योग और स्ट्रेचिंग करें.  

सभी योग नियमित रूप से करें. तनाव को प्रबंधित करने के लिए प्राणायाम और ध्यान करें, संगीत सुनें, प्रकृति में टहलें.  
 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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