पिछले कुछ दिनों में मुंबई में बच्चों में संक्रमण की दर एक बार फिर बढ़ गई है. बच्चों में हाथ-पैर-मुंह की बीमारी देखी गई है. यह एक संक्रामक बीमारी है और बच्चों के हाथ, पैर और मुंह पर दाने होना इस बीमारी का मुख्य लक्षण है.
इस रोग की शुरुआत बुखार से होती है. बच्चों को पहले बुखार होता है और फिर हाथ, पैर और मुंह पर दाने निकल आते हैं. दाने के कारण बच्चे असहज महसूस करते हैं. मुँह में दाने होने से बच्चों के लिए खाना खाना भी मुश्किल हो जाता है.
चूंकि यह बीमारी संक्रामक है, इसलिए माता-पिता को बीमार बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहिए. यदि बच्चे को बुखार, शरीर पर दाने और मुंह में घाव हो जाएं तो एक चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए. बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि इलाज से यह बीमारी पांच दिन में ठीक हो जाती है.
हाथ, पैर और मुँह की बीमारी का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. इसलिए सामान्य बुखार और दाने निकलने पर डॉक्टर बाजार में मिलने वाली दवाएं ही लिखते हैं. संक्रमण से लक्षण शुरू होने तक का समय 3 से 6 दिन है.
रोग के लक्षण
- बुखार
- गला खराब होना.
- जीभ, मसूड़ों, गालों के अंदर दर्दनाक पानी जैसे घाव और घाव बन जाते हैं.
- हथेलियों और कभी-कभी नितंबों पर दाने, दाने में खुजली नहीं होती, कभी-कभी छाले पड़ जाते हैं.
- त्वचा के रंग के आधार पर लाल, सफेद, भूरे दाने.
- बच्चों में खाने को लेकर चिड़चिड़ापन
- भूख में कमी.
यह बीमारी एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलती है. इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को घर से बाहर भेजने से बचना चाहिए. संक्रामक बच्चों को स्कूल, कक्षा या खेल के मैदान में भेजने से बचें. बच्चों को घर पर ही आइसोलेशन में रखना चाहिए. कुछ दिनों से इस बीमारी के मरीज सामने आ रहे हैं. इसका समय पर इलाज कराना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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