Allergy to Water: क्या पानी छूने पर हाथ-पैरों में खुजली होती है? इस दुर्लभ बीमारी का हो सकता है खतरा

ऋतु सिंह | Updated:Mar 26, 2024, 06:42 AM IST

हाथ में खुजली होना क्या संकेत देता है

क्या आपके हाथ-पैर में पानी लगते ही खुजली होने लगती है तो ये एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया यानी पानी से जुड़ी एलर्जी (Allergy to Water) हो सकती है. क्या है ये बीमारी चलिए जानें.

Itching in hands and feet is a sign of which disease?: क्या आप पानी के बिना जीवन की कल्पना कर सकते हैं? क्योंकि पानी को छूना खतरनाक है. ऐसी ही एक दुर्लभ बीमारी हाल ही में सामने आई है. एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया या जल एलर्जी का नाम बताएं. कैलिफोर्निया के 25 साल के इस युवक में यह बीमारी पाई गई है. यह रोग अत्यंत दुर्लभ है. पूरी दुनिया में ऐसे सिर्फ 37 मामले दर्ज किए गए हैं. इस दुर्लभ बीमारी का पता चलने के बाद युवक को अपनी जीवनशैली में बड़ा बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

चिकित्सा विज्ञान के अनुसार एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया या पानी से एलर्जी - यह रोग परागकण, मेवे या जानवरों के बालों जैसे पदार्थों के कारण हो सकता है. यह बीमारी पानी के विभिन्न स्रोतों से भी जुड़ी है. आपको यह बीमारी बारिश, बर्फ, ताजे पानी, समुद्र के पानी, पसीने और यहां तक ​​कि आंसुओं से भी हो सकती है. हालाँकि, इस बीमारी का इलाज काफी चुनौतीपूर्ण है.

डॉक्टरों के अनुसार, एक्वाजेनिक पित्ती पानी के कारण नहीं हो सकती है. संभवतः हिस्टामाइन रिलीज के कारण. जिससे एलर्जी होती है. एलर्जी की प्रतिक्रिया के दौरान, त्वचा के नीचे की मस्तूल कोशिकाएं हिस्टामाइन छोड़ती हैं. जो विभिन्न प्रकार की एलर्जी के कारण हो सकता है. यह रोग पित्ती का कारण भी बन सकता है. जब त्वचा किसी भी तापमान पर पानी के संपर्क में आती है.

इस बीमारी के लक्षण 

पानी के संपर्क में आते ही त्वचा में खुजली होने लगती है. त्वचा लाल हो जाती है. त्वचा के कुछ हिस्से सूज जाते हैं. पित्ती या खुजली. त्वचा में लंबे समय तक खुजली होती रहती है. ये लक्षण शरीर के किसी भी हिस्से में प्रकट हो सकते हैं. लेकिन आमतौर पर यह रोग हाथ, गर्दन, पैर और पीठ में होता है.

एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया एक दुर्लभ बीमारी है. इसलिए इसकी उपचार पद्धति विकसित नहीं हो पाई है. खुजली और सूजन को नियंत्रित करने के लिए आमतौर पर एंटीहिस्टामाइन निर्धारित किए जाते हैं. हालांकि, डॉक्टरों ने इस बीमारी से बचने के लिए संबंधित व्यक्ति की जीवनशैली में बदलाव करने पर जोर दिया है. विशेषज्ञों के मुताबिक, त्वचा पर सीधे पानी का जमाव कम करना चाहिए. यदि आवश्यक हो तो पानी को न छूना ही सर्वोत्तम है. लेकिन पानी को छोड़ा नहीं जा सकता. तो यहां एक्वाजेनिक पित्ती को रोकने के सरल तरीके दिए गए हैं:

1. नहाने से पहले हाथों और पैरों पर मिनरल ऑयल या 100 प्रतिशत पेट्रोलियम जेली लगानी चाहिए.

2. पानी के संपर्क को कम करने के लिए नहाते समय सूखे शैम्पू या पानी रहित क्लींजर का उपयोग करें.

3. जल्दी से नहा लो. बार-बार न नहाएं.

4. त्वचा से नमी या पसीना दूर करने के लिए सूती कपड़े पहनें.

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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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