डीएनए हिंदीः सायटिका शरीर की एक नस है जो आमतौर पर रीढ़ की डिस्क या स्पर नस पर दबाव डालती है और कमर से लेकर पैर दर्द का कारण बनती है. कई बार यह दर्द शरीर के निचले हिस्से में भी पहुंच जाता है और फिर चलना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आयुर्वेद में एक ऐसा उपाय है जो कारगर तरीके से काम कर सकता है. इस उपाय में हरसिंगार का प्रयोग शामिल है. दरअसल, हरसिंगार के फूल और पत्तियों का इस्तेमाल साइटिका के दर्द में कारगर उपाय का काम करता है. चलिए जानें.
साइटिका में हरसिंगार कैसे है फायदेमंद?
साइटिका में हरसिंगार के कई फायदे हैं. सबसे पहले, इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण नसों को शांत करते हैं और सूजन को कम करते हैं. दूसरा, यह गठिया के रोगियों के लिए फायदेमंद है और जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है. तीसरा, जब आप इसका नियमित रूप से सेवन करते हैं तो यह दर्द से बचाता है और तंत्रिका संबंधी कई समस्याओं को दूर करता है.
ऐसे करें साइटिका में हरसिंगार का प्रयोग
1. साइटिका में हरसिंगार का तेल लगाएं-साइटिका में हरसिंगार का तेल लगाना फायदेमंद माना जाता है. आपको बस इतना करना है कि हरसिंगार के फूल और पत्ते लेकर उन्हें लौंग और सरसों के तेल में पका लें. फिर इस तेल को दर्द वाली जगह पर लगाएं. यह सूजन को कम करने के साथ-साथ दर्द से राहत दिलाने में भी मददगार है.
2. हरसिंगार की चाय पिएं-हरसिंगार की चाय पीना इस समस्या का कारगर समाधान हो सकता है. हरसिंगार की चाय आपके शरीर में बनने वाले दबाव को कम करती है और साइटिक नसों को राहत देती है. यह इन नसों को शांत करता है, दर्द और बेचैनी को कम करता है. इसलिए आप अपनी चाय में साइटिका की पत्तियां मिला लें.
3. हरसिंगार के पत्तों का अर्क लें-हरसिंगार के पत्तों का अर्क सुबह खाली पेट लेने से यह समस्या कम हो सकती है. ये पत्तियां एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं जो नसों को शांत कर सकती हैं और धीरे-धीरे पीठ दर्द को कम कर सकती हैं. इसलिए हरसिंगार के पत्ते लें, उन्हें पीस लें, उनमें थोड़ी सी काली मिर्च मिला लें और फिर इस अर्क का सेवन करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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