Heart Attack Time: दिन के इस वक्त सबसे ज्यादा होता है हार्ट फेल, इन तरीकों से बच सकती है जान

ऋतु सिंह | Updated:Nov 26, 2023, 08:46 AM IST

Heart Failure Mostly in Morning

ठंड में हार्ट अटैक के ज्यादातर मामले भोर में या बिस्तर से उठने के ठीक बाद होते है. इसके पीछे क्या कारण है और कैसे इससे बच सकते हैं, चलिए जानें.

डीएनए हिंदीः आखिर सुबह के समय ही ज्यादा हार्ट अटैक क्यों आते हैं? अगर आपके मन में भी ये सवाल उठता है तो ये रिपोर्ट आंखे खोलने वाली है. अधिकतर ठंड के समय हार्ट अटैक सुबह ही आता है और इसके पीछे कुछ हार्मोनल असंतुलन और ब्लड प्रेशर से लेकर दिल की धड़कन का अनियमित होना भी जिम्मेदार होता है. 

दरअसल, सुबह सूर्योदय के बाद ही हमारा शरीर दिन भर की गतिविधियों के लिए तैयारी शुरू कर देता है. इस दौरान शरीर में एड्रेनालाईन और ऐसे ही कई हार्मोन तेजी से स्रावित होते हैं. साथ ही कोर्टिसोल भी सुबह के समय तेजी से बढ़ता है. आपको बता दें कि कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है. यह हार्मोन विशेषकर सुबह के समय अपने उच्चतम स्तर तक पहुँच सकता है. कोर्टिसोल न केवल रक्त को गाढ़ा करता है, बल्कि यह प्लेटलेट्स को चिपचिपा भी बनाता है, जिससे वे आपस में चिपक जाते हैं.

अब जब रक्त प्लेटलेट्स चिपचिपे हो जाते हैं और एड्रेनालाईन का स्राव बढ़ने लगता है, तो कोरोनरी धमनियों में मौजूद प्लाक टूटने लगता है. सुबह के पहले कुछ घंटों में हमारा रक्तचाप और हृदय गति बढ़ जाती है. सर्कैडियन लय के जवाब में हृदय गति और रक्तचाप में यह वृद्धि सुबह के दौरान हृदय प्रणाली को गंभीर रूप से प्रभावित करती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है.

बदलते मौसम के साथ सुबह के समय परिवेश का तापमान सबसे कम होता है. ऐसी स्थिति में शरीर की गर्मी को संरक्षित करने के लिए धमनियां सिकुड़ जाती हैं और परिणामस्वरूप हृदय को अधिक पंप करना पड़ता है. यह रक्तचाप बढ़ाता है, जो दिल के दौरे का कारण बनता है.

सुबह उठने के बाद कैसे बढ़ जाता है खतरा?
कई मामलों में पता चलता है कि दिल का दौरा सुबह उठने के बाद या नींद के दौरान आया है. इस बारे में बात करते हुए डॉक्टर बताते हैं कि, जब आप अपनी नींद के आखिरी चरण में होते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में REM (रैपिड आई मूवमेंट स्लीप) कहा जाता है, तो रक्तचाप के साथ-साथ दिल की धड़कन भी अनियमित हो जाती है. श्वास भी बढ़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप प्लाक टूट सकता है.

शरीर का सर्कैडियन सिस्टम, जिसे हम बॉडी क्लॉक कहते हैं, आपको जगाए रखने और पूरे दिन की थकान को नियंत्रित करने का काम करता है. यह दिन भर बढ़ता-घटता रहता है. यह आपके मस्तिष्क और रक्त वाहिकाओं में कुछ रसायनों को बढ़ाता और घटाता भी है. ऐसे में सुबह के समय, खासकर सुबह 6-6:30 बजे के आसपास, सर्कैडियन सिस्टम कोशिकाओं को PAI-1 प्रोटीन की बढ़ी हुई मात्रा भेजता है. वहीं, रक्त में पीएआई-1 प्रोटीन की मात्रा जितनी अधिक होगी, रक्त के थक्कों का खतरा उतना अधिक होगा, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है.

सुबह दिल के दौरे से बचने के उपाय

1-सुबह के समय कुछ बातों का ध्यान रखकर आप हार्ट अटैक के खतरे से बच सकते हैं या कम कर सकते हैं . अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो आपको बता दें कि सुबह के समय बीपी बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, ऐसे में सुबह उठते ही अपना बीपी जांचें और आगे परामर्श के बाद सही दवा लें.

2-अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो आपको बता दें कि सुबह के समय बीपी बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, ऐसे में सुबह उठते ही अपना बीपी जांचें और आगे परामर्श के बाद सही दवा लें.

3-हृदय रोग से पीड़ित लोगों को अत्यधिक ठंड में बाहर नहीं निकलना चाहिए. साथ ही अगर आप व्यायाम करते हैं या किसी अन्य प्रकार की शारीरिक गतिविधि करते हैं तो ऐसी जगह चुनें जहां आपको पर्याप्त धूप मिल सके.

4-कोई भी शारीरिक गतिविधि करने से पहले दो से तीन गिलास पानी पियें. साथ ही हाई इंटेंसिटी वर्कआउट यानी भारी व्यायाम करने से पहले हमेशा वार्मअप करें.

5-यदि आप व्यायाम नहीं करते हैं, तो दिन में कम से कम 30 मिनट टहलें जरूर.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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