Blood Pressure Control: हाई ब्लड प्रेशर से बढ़ जाता है इन 5 बीमारियों का खतरा, इस मिनरल की कमी बढ़ाती है खतरा

Written By ऋतु सिंह | Updated: Apr 15, 2024, 10:24 AM IST

हाई ब्लड प्रेशर के खतरे

High BP Side Effects: अक्सर हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों को आसानी से नजरअंदाज कर दिया जाता है और यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करने लगती है.

हाई ब्लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है. खराब जीवनशैली के कारण यह बीमारी युवाओं को भी अपनी चपेट में लेने लगी है. चिंता की बात यह है कि हाई ब्लड प्रेशर दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. उच्च रक्तचाप के लक्षणों पर ध्यान नहीं दिया जाता है और यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करना शुरू कर देती है.

ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इस जानलेवा बीमारी की पहचान की जाए. हाई ब्लड प्रेशर के सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, नाक से खून आना, चक्कर आना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, धुंधली दृष्टि आदि शामिल हैं. अगर आप लंबे समय से इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो आपको तुरंत जांच करानी चाहिए.

लिपस्टिक के बिना मेकअप नहीं होता है पूरा? जान लें कितना गंभीर नुकसान पहुंचा रहीं आप

हाई ब्लड प्रेशर के कारण आपको इन 5 गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.

हार्ट फेल
हाई ब्लड प्रेशर आपके हार्ड पर अधिक दबाव डालता है. इस बढ़े हुए दबाव के कारण हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. समय के साथ, इससे हार्ट की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं. इसके दुष्प्रभाव विशेष रूप से बाएं वेंट्रिकुलर हाइपरट्रॉफी पर गंभीर होते हैं. ऐसे में हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है. रक्त पंप करने का दबाव ब्लड वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे हार्ट रोग का खतरा भी बढ़ जाता है.

स्ट्रोक का कारण बन सकता है

बहुत कम लोग जानते हैं कि उच्च रक्तचाप सेरेब्रोवास्कुलर रोगों का मुख्य कारण है. स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है या रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं. उच्च रक्तचाप स्ट्रोक के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है. यह मस्तिष्क की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है. इससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. इससे मृत्यु और विकलांगता भी हो सकती है.

किडनी ख़राब हो सकती है

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में किडनी अहम भूमिका निभाती है. लेकिन लगातार उच्च रक्तचाप इसके कार्य को प्रभावित करता है. यह गुर्दे की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे क्रोनिक किडनी रोग हो सकता है. इस स्थिति में, अंगों की अपशिष्ट को फ़िल्टर करने और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने की क्षमता कम हो जाती है. इससे किडनी फेलियर भी हो सकता है.

गर्मियों में डायबिटीज के मरीजों का आहार कैसा होना चाहिए, एक्सपर्ट से जानिए

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज

उच्च रक्तचाप एथेरोस्क्लेरोसिस को तेज करता है. इससे प्लाक के निर्माण के कारण धमनियां संकीर्ण और सख्त हो जाती हैं. यह संपूर्ण धमनियों, विशेषकर कोरोनरी धमनियों को प्रभावित करता है. ऐसे मामलों में परिधीय धमनी रोग का खतरा बढ़ जाता है. बंद रक्त वाहिकाएं भी अंगों में रक्त के प्रवाह को बाधित करती हैं, जिससे दर्द होता है. कई बार यह बीमारी घाव भरने में देरी करती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

दृष्टि की हानि

उच्च रक्तचाप रेटिना की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे रेटिनोपैथी हो सकती है, जो आंखों की नसों को नुकसान पहुंचने के कारण होने वाली स्थिति है. अगर समय पर इलाज न किया जाए तो रेटिनोपैथी से अंधापन हो सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर में मैग्निशियम की कमी खतरनाक

हाई ब्लड प्रेशर में नसों में संकुचन होना ही खतरनाक होता है, कई बार हाई बीपी के चलते आर्टरीज फूल जाती है और ब्लड का ब्लो प्रेशर के साथ हार्ट तक जाता है. इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है और ऐसा तब और होता है जब शरीर में मैग्निशियम की कमी हो. मैग्निशियम नसों के संकुचन को कम करने के साथ सूजन को भी कम करता है और साथ ही नसों को फ्लैक्सेल बनाता है, जिससे ब्लड का प्रेशर कम होता है और सामान्य तरीके से ब्लड हार्ट तक जाता है. 

DNA हिंदी अब APP में आ चुका है.. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.idpl.dna&pcampaignid=web_share

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.