बढ़े हुए ब्लड शुगर के कारण डायबिटीज के रोगियों में गंभीर नेत्र रोग विकसित होने की संभावना अधिक होती है. डॉक्टर से समझें इसके लक्षण और उपाय. डायबिटीज देश में तेजी से बढ़ती बीमारी है. महत्वपूर्ण बात यह है कि बहुत छोटे बच्चों से लेकर छोटे बच्चों और वयस्कों तक इन बीमारियों से निपटना है. इसके लिए गलत जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर जीवन शैली जिम्मेदार है. डायबिटीज के कई मरीज आंखों से संबंधित कई बीमारियों से पीड़ित होते हैं. जिसे डायबिटिक रेटिनोपैथी से जुड़े नेत्र रोग विकसित हो जाएं.
डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?
डायबिटीज के रोगियों में लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर होने पर डायबिटीक रेटिनोपैथी होती है. इस बीमारी में रेटिना की रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं. इससे नजर कमजोर हो जाती है. अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो आप अंधेपन का शिकार भी हो सकते हैं.
डायबिटिक रेटिनोपैथी को कैसे रोकें?
डायबिटिक रेटिनोपैथी को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना है. अपने बढ़ते ब्लड शुगर को नियंत्रित करें. नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर की जांच करें, स्वस्थ आहार लें और अपनी जीवनशैली में योग और व्यायाम को शामिल करें.
इन बातों का रखें खास ख्याल?
भले ही आपका डायबिटीज नियंत्रण में हो, फिर भी आपको डायबिटीज संबंधी रेटिनोपैथी विकसित हो सकती है.
लंबे समय तक डायबिटीज रहना डायबिटिक रेटिनोपैथी की शुरुआत के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक है.
चश्मे की दुकान पर की जाने वाली नियमित नेत्र जांच से डायबिटिक रेटिनोपैथी की उपस्थिति या अनुपस्थिति का पता नहीं चलता है.
डायबिटिक रेटिनोपैथी का पता केवल तभी लगाया जा सकता है जब कोई नेत्र चिकित्सक आई ड्रॉप्स के साथ आपकी पुतली की रेटिना की जांच करता है.
आंखों की जांच करें. आंखों का व्यायाम भी जरूरी है. योग और उचित आहार की मदद से अपनी आंखों का ख्याल रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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