डीएनए हिंदी: (How Much Roti Eating A Day) अच्छी सेहत पाने के लिए अच्छी गुणवत्ता का खाना कितना जरूरी है, यह बात तो सभी जानते हैं, लेकिन इसके साथ ही सही मात्रा को जानना भी जरूरी है. भारतीय खाने की थाली को सब्जी रोटी के साथ ही दाल और चावल पूरा करते हैं. इनमें किसी एक की भी कमी या अधिकता आपको न्यूट्रिशियन से वंछित रख सकती है. इन सभी चीजों से हमें अलग अलग पोषक तत्व मिलते हैं, जो शरीर को सेहतमंद बनाते हैं, लेकिन कुछ लोग खाने में चावल की जगह सिर्फ रोटियां खाना पसंद करते हैं. गेंहू से बनी रोटियां शरीर के लिए लाभकारी होती है, जबकि चावल फैट को बढ़ाते हैं. इस वजह से भी कुछ लोग रोटी खाना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन किसी भी चीज की अति खराब होती है. इसी तरह ज्यादा रोटी खाना भी सेहत को फायदे की जगह नुकसानदायक हो सकता है.
दिन भर में रोटी खाने की एक सही मात्रा और सही समय का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं कि एक दिन में किस समय और कितनी रोटियां खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है...
एक दिन में सिर्फ इतनी रोटियां हैं काफी
ज्यादातर लोग रोजमर्रा जीवन में गेंहू के आटे से बनी रोटियां खाते हैं. गेंहू के आटे से बनी एक रोटी में करीब 104 कैलोरी होती है. ऐसे में हेलथ एक्सपर्ट्स की मानें तो दिन के पहले पहर में यानी सुबह महिलाओं के लिए सिर्फ दो और पुरुषों के लिए तीन रोटी काफी हैं. वहीं शाम के समय अपनी जरूरत के हिसाब से खा सकते हैं. हालांकि 3 4 से ज्यादा रोटी पचने में कड़ी समस्या खड़ी कर देती है.
देर से पचती हैं गेंहू की रोटी
गेंहू में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. इसकी वजह से रोटियों को पचने में ज्यादा समय लगता है. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स रात को सोने से करीब दो से तीन घंटे पहले रोटी खाने की सलाह देते हैं. अगर आप रात को 10 बजे सोते हैं तो 8 बजे से पहले डिनर करें. साथ ही रोटियों की मात्रा कम रखें. ऐसा करने पर सोने से पहले ही आपकी रोटी पच जाएगी. पेट और शरीर दोनों सेहतमंद रहेंगे.
रोटी बनाने में ये गलतियां स्वास्थ्य पर पड़ती हैं भारी
सेहत अच्छी रखने के लिए रोटियों का अच्छे से बनाया जाना भी जरूरी है. रोटी का अच्छे से पकना और फूलना दोनों ही बेहतर होता है. ऐसी रोटी जल्द पच जाती है. वहीं कच्ची और कड़क रोटिययों को पचने में समय लगता है. यह पाचन तंत्र के लिए भारी होती हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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