How To Detect Lung Cancer: 5 सेकंड में फेफड़ों के कैंसर की पहचान कैसे करें, घर पर करें ये आसान टेस्ट

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 03, 2024, 12:25 PM IST

फेफड़े में कैंसर का पहला संकेत और टेस्ट कैसे करें

How to detect lung cancer at Home: फेफड़ों का कैंसर घातक हो सकता है. लेकिन समय रहते इसके लक्षणों को जानना जरूरी है.

फेफड़ों के कैंसर का पता कैसे लगाएं: फेफड़ों के कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. द लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में 2,206,771 नए मरीजों में कैंसर का पता चला. यह दूसरा सबसे आम कैंसर है. इतना ही नहीं, बल्कि कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या 1,796,144 है. इस कैंसर से होने वाली मृत्यु का मुख्य कारण देर से निदान है और समय पर इलाज नहीं मिलना है. 

फेफड़ों के कैंसर का शीघ्र उपचार करके जोखिम को रोका जा सकता है. कैंसर का पता चलते ही इलाज शुरू करें. लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है. इसके लिए आपको डायमंड फिंगर टेस्ट करना होगा. इस एक टेस्ट से आप कैंसर के लक्षणों की पहचान कर सकते हैं. यह टेस्ट इतना आसान है कि आप इसे घर पर भी कर सकते हैं. 
 
डायमंड फिंगर टेस्ट क्या है?

इस परीक्षण में आप अपने अंगूठे और तर्जनी को एक साथ लाते हैं और एक दूसरे को चुटकी काटने की कोशिश करते हैं. यदि तर्जनी और अंगूठा एक-दूसरे के बीच थोड़ा भी अंतर नहीं छोड़ते हैं, तो यह उंगलियों के आपस में जुड़ने का संकेत है. जो फेफड़ों के कैंसर की संभावना का संकेत देते हैं. कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, गैर-छोटी कोशिका फेफड़ों के कैंसर वाले 35 प्रतिशत से अधिक लोगों में यह स्थिति होती है. क्लबिंग फेफड़े, हृदय या पाचन तंत्र से संबंधित संकेतों को इंगित करता है. 

फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों में 3 सप्ताह से अधिक समय तक खांसी आना, छाती में संक्रमण, खांसी में खून आना, सांस लेने में तकलीफ और भूख न लगना जैसी समस्याएं शामिल हैं. इसके अलावा चेहरे और गर्दन में सूजन और निगलने में कठिनाई भी इसके संकेत हो सकते हैं.

फेफड़े के कैंसर के विभिन्न लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. खांसी : ऐसी खांसी जो ठीक नहीं होती या समय के साथ और भी खराब हो जाती है. आपको खून या जंग लगे रंग का कफ भी खांसी में आ सकता है. 
  2. सीने में दर्द : आपकी छाती में लगातार दर्द होना, विशेषकर जब आप सांस लेते हैं, खांसते हैं या हंसते हैं. 
  3. सांस फूलना : लगातार सांस फूलना. 
  4. घरघराहट : सांस लेने में कठिनाई. 
  5. वजन घटना : अस्पष्टीकृत वजन घटना. 
  6. थकान : हर समय बहुत थकान महसूस होना. 
  7. सूजन : आपके चेहरे और गर्दन के आसपास सूजन. 
  8. स्वर बैठना : गले बैठना या आवाज का बदलना. 
  9. संक्रमण : बार-बार होने वाले फेफड़ों के संक्रमण जैसे ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जो ठीक नहीं होते या बार-बार वापस आ जाते हैं. 
  10. निगलने में कठिनाई : निगलने में कठिनाई. 
  11. क्लबिंग : उंगलियों के पोरों और नाखूनों का चौड़ा होना. 

 

फेफड़ों के कैंसर के कारण और उपचार 

फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान, प्रदूषण, एस्बेस्टस और रेडॉन के संपर्क में आना है. पारिवारिक इतिहास, एचआईवी भी इस बीमारी का कारण बनता है. 

कैसे करें फेफड़ों की देखभाल?

फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान न करें. इसके अलावा, आंवला, संतरा, आड़ू और गाजर जैसे खाद्य पदार्थ फेफड़ों के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं. साथ ही, प्रदूषण के दौरान फेस मास्क पहनना भी फायदेमंद हो सकता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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