बवासीर एक आम समस्या है जिसमें मरीजों को मल त्याग के दौरान तेज दर्द का अनुभव होता है. इससे मलाशय और गुदा में सूजन आ जाती है. इससे दर्द, खुजली, जलन और रक्तस्राव सहित कई लक्षण हो सकते हैं. यह समस्या ज्यादातर कब्ज या क्रोनिक डायरिया से पीड़ित लोगों में देखी जाती है.
ऐसे में बवासीर के मरीज कुछ आसान घरेलू उपायों की मदद से इस समस्या को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इसके लिए नीम का प्रयोग फायदेमंद माना जाता है. इन पत्तियों का पेस्ट बवासीर को कम करने, सूजन और दर्द को कम करने और रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकता है. आइए जानते हैं नीम की पत्तियों के उपयोग और ये कैसे फायदेमंद हैं.
नीम का प्रयोग करें
नीम सदियों से अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-सेप्टिक गुणों से भरपूर नीम को बवासीर जैसी बीमारी में भी फायदेमंद माना जाता है.
इसकी मदद से गुदा में मस्सों की सूजन को काफी हद तक कम किया जा सकता है. साथ ही यह बैक्टीरिया को भी पूरी तरह खत्म कर सकता है.
बवासीर में नीम का उपयोग कैसे करें?
सबसे पहले 1 कप पानी में नीम की पत्तियां डालकर अच्छे से उबाल लें. इसके बाद इसे ठंडा होने दें. फिर प्रभावित जगह पर लगाएं. इससे सूजन और दर्द कम हो सकता है. इसके अलावा आप ताजी नीम की पत्तियों का रस निकालकर दिन में दो बार पी सकते हैं. इससे कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है.
नीम की पत्तियों का पेस्ट भी बनाया जा सकता है. इसके लिए 10 से 15 नीम की पत्तियां लें. इसमें थोड़ी सी हल्दी मिलाकर अच्छे से पीस लें. अब इसे प्रभावित जगह पर लगाएं. इससे मस्सा फट सकता है और सूजन दूर हो सकती है. इसे दिन में दो बार लगाया जा सकता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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