आज के समय में 90 प्रतिशत लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं लोग सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक घंटों मोबाइल फोन को देखते में खराब करते हैं. वहीं हर खाना खाने से लेकर टॉयलेट जाने तक मोबाइल फोन को साथ रखते हैं. उस समय में भी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. अगर आप भी ऐसा ही कर रहे हैं तो संभल जाये. आपकी यह आदत आपको कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो आज के समय में लोग टॉयलेट में मोबाइल चलाने की वजह से न सिर्फ खतरनाक संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. वह बवासीर से लेकर मस्कुलोस्केलेटल जैसाी खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
दरअसल, आज के समय में लोग टॉयलेट में भी फोन लेकर जाते हैं. यहां मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. इसकी वजह से यूटीआई इंफेक्शन, दस्त से लेकर आंतों के संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है. ये संक्रमण ई. कोली, साल्मोनेला और सी. डिफिसाइल जैसे बैक्टीरिया के कारण बन सकते हैं, जो मोबाइल पर जमा होकर आपके साथ चले जाते हैं. यह बॉडी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी पहुंच सकते हैं. इसकी वजह मोबाइल जैसे उपकरणों पर इंफेक्शन और किटाणुओं का ज्यादा समय तक बने रहना है. मोबाइल पर होने की वजह से व्यक्ति इन्हें आसानी से साफ भी नहीं कर पाता.
बवासीर और मस्कुलोस्केलेटल का खतरा
अगर आप भी टॉयलेट में मोबाइल लेकर जाते हैं तो बवासीर और मस्कुलोस्केलेटल जैसी खतरनाक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो इसकी वजह टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल करने के दौरान समय का अंदाजा तक नहीं लग पाना है. लोग टॉयलेट सीट पर मोबाइल इस्तेमाल करते हुए काफी समय तक बैठे रहते हैं. ऐसे में यह आदत आपको बवासीर से लेकर मस्कुलोस्केलेटल और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को भी बढ़ा सकता है.
टॉयलेट में भूलकर भी न ले जाये फोन
एक्सपर्ट्स के अनुसार, टॉयलेट में मोबाइल ले जाने की वजह से इसकी सतह पर बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं. ऐसे में जब आप इससे बाहर निकलते हैं तो इन बैक्टीरिया को अपने साथ ले जाते हैं. अगर कोई और व्यक्ति फ़ोन को छूता है तो वह भी इन बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है. इतना ही नहीं रिसर्च में दावा किया गया है कि टॉयलेट में मोबाइल यूज करने की वजह से टॉयलेट सीट से कहीं ज्यादा बैक्टीरिया आपके मोबाइल पर आ सकते हैं. इसकी वजह से ही ई कोली, साल्मोनेला और सी डिफिसाइल जैसे कीटाणुओं के संपर्क में आने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है. यह दस्त से लेकर आंतों में इंफेक्शन के खतरे को कई गुणा बढ़ा देते हैं.