डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर (Durgapur of West Bengal) में छात्र कंडोम (condom) गर्भनिरोधक (contraception) के लिए इसे नहीं खरीद रहे. बल्कि फ्लेवर्ड कंडोम (Flavored Condoms ) को ये पानी में भीगा कर पी रहे हैं. अगर आपको लगता होगा कि फ्लेवर्ड कंडोम का स्वाद पाने के लिए तो ये भी वजह नहीं है. बल्कि वजह जो है वह खतरानाक है और कई समस्याओं का कारण बन सकती है. ये विचित्र प्रवृत्ति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
खास बात ये है कि कॉलेज जाने वाले छात्रों की ये अजीब लत उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होगी. बता दें कि दुर्गापुर के मेडिकल शॉप के दुकानदार ने ने ही मीडिया को बताया कि अचानक से युवा उनके पास फ्लेवर्ड कंडोम की डिमांड करने लगे हैं.
दुकानदार का कहना था कि रोजाना बिकने वाले कंडोम के पैकेटों की संख्या कई गुना अचानक से बढ़ गई है, वह भी केवल फ्लेवर्ड कंडोम की. हैरान करने वाली बात ये है गर्भनिरोधक कंडोम दुर्गापुर के कई हिस्सों जैसे दुर्गापुर सिटी सेंटर, बिधाननगर, बेनाचिती और मुचिपारा, सी जोन, ए जोन के युवा भी फ्लेवर्ड कंडोम भारी मात्रा में खरीद रहे हैं.
कंडोम की बिक्री-खरीद में इस उछाल के पीछे जो कारण सामने आया वह चौंकाने वाला है. एक दुकानदार बताया कि फ्लेवर्ड कंडोम को छात्र पानी में रात भर भीगा कर अगले दिन उसे पीते हैं. इसे पीछे वजह एक तरह का नशा है.
कंडोम में "नशीली" चीज़ क्या होती है?
रसायन शास्त्र विशेषज्ञों का कहना है कि कंडोम को गर्म पानी में लंबे समय तक भिगाने से बड़े कार्बनिक अणु टूट जाते हैं और अल्कोहल के यौगिक बनने लगते हैं. यही कारण है कि युवा इसे नशे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. सस्ता होने के कारण इसकी डिमांड बढ़ने लगी है. असल में कंडोम में सुगंधित यौगिक नशीला तत्व होता है और यह यौगिक डेंड्राइट्स में भी मौजूद होता है, जो नशे के लिए एक बहुत ही सामान्य उत्पाद मे से एक बन गया है. हालांकि ये नशे का सबसे घटिया और हानिकारक विकल्प बना है.
सस्ते नशे में केवल डेंड्राइट ही नहीं ये भी हैं शामिल
सस्ते नशे के रूप में कंडोम ही नहीं, कई अजीबोगरीब चीजें भी शामिल हैं. इसमें कफ सिरप पीना, स्नफ ग्लू,इनहेलिंग पेंट, नेल पॉलिश और इनहेलिंग व्हाइटनर, आयोडेक्स आदि तक शामिल हैं.
इन सस्ते नशे के खतरे भी जान लें
लंबे समय तक इन यौगिकों से नशा करना सीने में दर्द से लेकर गंभीर सिरदर्द और किडनी और लिवर डैमेज का कारण बन जाता है.
साल 2011 में सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, चंडीगढ़ के मनोचिकित्सा विभाग के एक शोध में पाया गया कि इस तरह के नशे से जी मिचलाना, छींक आना, खांसी, सांसों या मुंह से दुर्गंध, थकावट, भूख में कमी, कंपकंपी, ठंड लगना, बुखार के लक्षण उत्पन्न होते हैं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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