डीएनए हिंदी: देश में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी जोर शोर से चल रही है. 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था. यह दिन हर हिंदुस्तानी के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है. इसे पूरे देश में राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है. देश प्रेम में गीत से लेकर जमकर डांस भी होता है. ऐसे में हम मिठाई को कैसे भूल सकते हैं. मिठाई में जलेबी इस दिन को और ज्यादा खास बना देती है. इसकी वजह जलेबी का राष्ट्रीय मिठाई होना है. यही कारण है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन जलेबी की दुकानों के बाहर ग्राहकों की कतार लग जाती है. लोग दिल भरकर जलेबी खाते हैं. अगर आप भी जलेबी पसंद करते हैं तो इसका इतिहास भी जान लें. कैस जलेबी आई और राष्ट्रीय मिठाई के रूप में अपनी पहचान बना ली.
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देश के हर हिस्से में मिलती है जलेबी, पड़ोसी देशों में भी है डिमांड
देश के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर किसी ने जलेबी का स्वाद तो चख ही रखा होगा. इस पर कई सारे चुटकुले भी बने हैं. वहीं जलेबी भारत में ही नहीं पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी काफी डिमांड में रहती है. आपको जानकारी हैरानी होगी कि इस मिठाई की खोज भी भारत में नहीं हुई थी. हालांकि इसे पसंद लगभग हर कोई करता है.
जानें जलेबी का इतिहास
दरअसल जलेबी ईरान की मिठाई हुआ करती थी. इसे यहां जुलाबिया या जुलबिया के नाम से जाना जाता है. 500 वर्ष पूर्व जब आक्रमणकारी भारत पहुंचे, तो उनके साथ जलेबी की रेसिपी भी यहां तक पहुंच गई. इसे यहां बहुत पसंद किया जाने लगा. इसकी वजह इसको बनाना भी बेहद आसान था. जलेबी खुद एक अरबी शब्द है, लेकिन यह मिठाई अब भारतीय है. देश के बड़े से लेकर छोटे से छोटे शहरों में आपको जलेबी मिल जाएगी.
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लोग जमकर खाते हैं जलेबी
लोग जलेबी को बड़े ही चाव से खाते हैं. छोटे से बर्थडे से लेकर शादी के मैन्यू तक में आपको जलेबी आसानी से मिल जाएगी. कई जगहों पर जलेबी के साथ रबड़ी, खोया या फिर दूध पसंद किया जाता है. सर्दी हो या गर्मी जलेबी सभी सीजन में नाश्ते से लेकर लंच और डिनर तक में शामिल की जाती है.
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