Jaya Bachchan Anger Reason: अचानक गुस्से में आपा खोकर चीखना.., इस बीमारी के कारण एंग्री वूमन बन जाती हैं जया बच्चन

ऋतु सिंह | Updated:Apr 10, 2024, 02:48 PM IST

जया बच्चन को क्यों आता है इतना गुस्सा?

पैपराजी जया बच्चन हर वक्त चिल्लाती और गुस्से में नजर आती हैं। कई लोगों को आश्चर्य होता है कि वे हमेशा क्रोधित क्यों रहते हैं। अचानक गुस्सा आना, आपा खोना और चीखना एक बीमारी के लक्षण हैं और क्या जया बच्चन को भी यह बीमारी है?

15 साल की उम्र से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिंग के दम पर अपनी जगह बनाने वाली जया बच्चन ने हाल ही में अपना 75वां जन्मदिन मनाया है. चाहे रोमांटिक सीन हो या मां का रोल, वह हर रोल के साथ न्याय करती हैं. उन्होंने अमिताभ बच्चन और अपने बच्चों के लिए करियर ब्रेक लिया. सारी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद उन्होंने फिर से फिल्म इंडस्ट्री में दमदार एंट्री की. आज वह न सिर्फ फिल्मों में बल्कि संसद में भी अपनी भूमिका बखूबी निभाती हैं. लेकिन जब भी वे पैपराजी से मिलती हैं तो नाराज और गुस्से में नजर आती हैं. तमाम फैंस ने ये सवाल पूछते रहते हैं कि आख़िर वो ऐसा क्यों करती हैं?

'इस' बीमारी से पीड़ित!
अमिताभ और जया बच्चन की बेटी श्वेता बच्चन ने उनके व्यवहार के बारे में एक इंटरव्यू में बताया था की उनकी मां जया बच्चन  क्लॉस्ट्रोफोबिया नामक बीमारी से पीड़ित है. इस बीमारी में व्यक्ति का अपने गुस्से, अपने व्यवहार पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है. क्या है ये क्लौस्ट्रफ़ोबिया और इसके लक्षण क्या हैं चलिए जानें
 
क्लॉस्ट्रोफोबिया के लक्षण 
क्लॉस्ट्रोफोबिया की स्थिति एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक समस्या है. इस बीमारी से पीड़ित लोगों को भीड़ में होने पर गुस्सा आने लगता है. ये लोग भीड़, बहुत ज्यादा लोगों या बंद जगहों से परेशान होते हैं. इसके अलावा उनमें निम्नलिखित लक्षण दिखते हैं. 

  1. पसीना,
  2. कंपकंपी,
  3. सांस लेने में दिक्कत,
  4. हृदय गति में अचानक वृद्धि,
  5. सीने में दर्द,
  6. सिरदर्द और बेहोशी,
  7. शुष्क मुंह

क्या क्लौस्ट्रफ़ोबिया का कोई इलाज है?

क्लौस्ट्रफ़ोबिया की स्थिति के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं या कोई भी इस बीमारी के बारे में ज़्यादा बात नहीं करता है. लेकिन क्लौस्ट्रफ़ोबिया से पीड़ित व्यक्ति का इलाज मनोवैज्ञानिक की मदद से किया जाता है. साथ ही बिहेवियरल थेरेपी भी ली जाती है. जरूरत पड़ने पर मरीज को एंटीडिप्रेसेंट दवाएं भी दी जाती हैं. 

इस बीमारी में कई लोगों को पैनिक अटैक आते हैं. ऐसे में आपको अपने आस-पास की चीजों पर ध्यान देना चाहिए जिससे आपको डर नहीं लगेगा. मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि पैनिक अटैक के बाद मरीज को घूमती हुई घड़ी को देखना चाहिए. इससे उन्हें राहत मिलती है. इसके साथ ही आराम भी जरूरी है. 

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(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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Jaya Bachchan claustrophobia