New Trend Rules for Marriage: 75 साल बाद लड़कियां आखिर क्यों नहीं करेंगी शादी, इस रिपोर्ट को पढ़कर चौंक जाएंगे

ऋतु सिंह | Updated:Oct 01, 2024, 09:39 AM IST

75 साल बाद क्यों नहीं करेंगे लोग शादी

भारत में शादी एक अटूट बंधन है, लेकिन एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आने वाले कुछ सालों में शादी करना लोग बंद कर देंगे, खास कर महिलाएं. क्या आप जानते हैं कि भविष्य में लोग शादी क्यों नहीं करेंगे?

भारतीय संस्कृति में विवाह को पति-पत्नी के बीच का अटूट बंधन कहा जाता है. लेकिन अब धीरे-धीरे बदलती सामाजिक परिस्थितियों के अनुसार इसमें कई बार बदलाव देखने को मिल रहा है. इसके अलावा कई जगहों पर शादी की अवधारणा भी बदल रही है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगले 75 साल यानी करीब 2100 तक शादी की अवधारणा खत्म हो जाएगी.  

भारतीय समाज में शादी पति-पत्नी के बीच का एक अटूट बंधन और रीति-रिवाजों से जुड़ा एक आयोजन है. लेकिन अब धीरे-धीरे इस अटूट रिश्ते में बिखराव की खबरें आ रही हैं. इतना ही नहीं, कई मामलों में तो पति-पत्नी के बीच मामूली मतभेद भी तलाक तक पहुंच जाते हैं. दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर डेटिंग, लिव-इन रिलेशनशिप, ये सभी संस्कृतियां जो विदेशों तक ही सीमित थीं, अब भारत में लोकप्रिय हैं.

रिपोर्ट क्या कहती है

विशेषज्ञों के मुताबिक अब महिलाएं स्वतंत्र रहना चाहती हैं और शादी नहीं चाहतीं. इन सबका नतीजा यह होगा कि अगले छह-सात दशकों में यानी लगभग 2100 यानी करीब 75 साल बाद तक शादी की अवधारणा ख़त्म हो जाएगी. तब तक कोई शादी नहीं करेगा. विशेषज्ञ विश्लेषण के अनुसार, सामाजिक परिवर्तन, बढ़ती व्यक्तिवादिता और विकसित होती लैंगिक भूमिकाओं के कारण पारंपरिक विवाह अब अस्तित्व में नहीं रहेंगे.

लिव-इन रिलेशनशिप का क्रेज बढ़ा

वहीं, लिव-इन रिलेशनशिप और गैर-पारंपरिक रिश्ते भी बढ़ रहे हैं. अतः विवाह की आवश्यकता समाप्त होती जा रही है. इसके अलावा प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति भी एक कारण है. विशेषज्ञों के मुताबिक इसके चलते भविष्य में मानवीय रिश्ते अलग दिख सकते हैं. खासकर महिलाएं अब स्वतंत्र जीवन चाहती हैं, उन्हें शादी के बंधन की जरूरत नहीं है. विवाह एक बंधन है. जहां महिलाओं को लगता है कि उनके पास न आजादी है, न भविष्य, न करियर में उन्नति.

रिसर्च में हुआ खुलासा

अध्ययनों के अनुसार, इस समय पृथ्वी पर 8 अरब लोग रहते हैं. आने वाले दिनों में इन आंकड़ों में काफी बदलाव आएगा. विश्व स्तर पर जनसंख्या प्रजनन दर में तेजी से गिरावट आ रही है. माना जा रहा है कि यह बदलाव भविष्य में इंसानों पर ज्यादा असर डालेगा. 1950 के दशक से सभी देशों में जन्म दर में गिरावट आ रही है. 1950 में जनसंख्या प्रजनन दर 4.84% थी. जबकि 2021 तक यह घटकर 2.23% रह गई है. 2100 तक इसके घटकर 1.59% होने की संभावना है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. इस खबर का समर्थन डीएनए नहीं करता है)

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