Polygraph Test Process : कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस के आरोपी संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ, जानिए कैसे मेडकिली उगलवाया जाता है सच

ऋतु सिंह | Updated:Aug 26, 2024, 03:26 PM IST

पॉलीग्राफ टेस्ट कैसे होता है

कोर्ट के आदेश के बाद कोलकाता डॉक्टर रेप केस की जांच मंगलवार को सीबीआई को मिल गई और रेप केस के आरोपी संजय राय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया है. ये पॉलीग्राफ टेस्ट कैसे होता है चलिए जानें.

कोलकाता आरजी कर मेडिकल अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में आरोपी का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया ताकि उसके झूठ को मेडिकली पकड़ा जा सके. आखिर ये पॉलीग्राफ टेस्ट होता क्या है और कैसे किया जाता है आइए जानें.

कैसे किया जाता है ये पॉलीग्राफ टेस्ट?

यह परीक्षण आमतौर पर तब किया जाता है जब जांचकर्ताओं को विश्वास हो जाता है कि संदिग्ध झूठ बोल रहा है. इस टेस्ट के जरिए यह जानना आसान है कि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति सच बोल रहा है या कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है. यह परीक्षण सांस लेने की दर, सांस लेने में बदलाव, रक्तचाप और आपको कितना पसीना आता है, इसकी जांच करता है. चूंकि यह एक शारीरिक परीक्षण है और इसमें काफी समय लगता है, इसलिए कानूनी अनुमति की आवश्यकता होती है. 

पॉलीग्राफ एक ऐसी मशीन है जहां कागज की एक पट्टी पर चार से छह सेंसरों के कई सिग्नल रिकॉर्ड किए जाते हैं. सेंसर आमतौर पर हाथों और पैरों में जोड़े जाते हैं. रक्तचाप सामान्य है या नहीं यह देखने के लिए एक मॉनिटर, उंगलियों और हथेलियों में करंट में बदलाव को नोट करने के लिए छाती और पेट के चारों ओर दो ट्यूब जुड़ी होती हैं. 

 जैसे ही पॉलीग्राफ परीक्षण शुरू होता है, परीक्षक पहले तीन या चार सरल प्रश्न पूछता है. फिर उन्होंने एक-एक करके जटिल प्रश्न पूछे. किसी भी प्रश्न में उपरोक्त संकेतों के बदलने की गति से यह पता चलता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ? झूठ बोलने से बढ़ सकता है तनाव जब आप भावनात्मक रूप से अस्थिर होते हैं तो व्यवहार और भावनात्मक बदलाव उन ग्राफ़ में देखे जा सकते हैं. 

हालांकि, पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर कई विवाद भी हैं क्योंकि यह भी सवाल हैं कि क्या पॉलीग्राफ टेस्ट सच और झूठ को अलग कर सकता है. इस परीक्षण की सटीकता इस बात पर भी निर्भर करती है कि कौन से प्रश्न पूछे जा रहे हैं. यदि प्रश्नकर्ता सही ढंग से परीक्षण का प्रबंधन करता है और प्रश्नकर्ता का प्रश्न पर उचित नियंत्रण है, तो 80%-90% मामलों में सही उत्तर प्राप्त किए जा सकते हैं. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

R G Kar Incident polygraph test sanjay rai