डीएनए हिंदीः बोनी कपूर ने एक इंटरव्यू में बताया कि 2018 में श्रीदेवी की मौत के समय श्रीदेवी कम नमक वाले आहार पर थीं. उनकी इस डाइट के चलते ही उनका बीपी लो हो जाता था और वह कई बार बेहोश हो जाती थीं. बता दें कि अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत 24 फरवरी 2018 में दुबाई में कार्डिएक अरेस्ट के चलते हुई थी. हाल ही में एक इंटरव्यू में श्रीदेवी के पति बोनी कपूर ने खुलासा किया कि वह अपने लो सोडियम डाइट और एक्सेस भूखा रहने से कई बार ब्लैकआउट का अनुभव करती थीं.
अभिनेत्री लंबे समय से इस आहार का पालन कर रही थी, जिसके कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और अंततः उनका सिस्टम ध्वस्त हो गया. बोनी कपूर ने यह भी बताया की वह खुद को बार-बार भूखा रखती थीं और बेहद कठोर आहार लेती थीं, जिससे उनका रक्तचाप कम हो जाता था और कभी-कभी वह बेहोश हो जाती थीं.उन्होंने यह भी कहा कि अभिनेत्री को इस आहार के स्वास्थ्य परिणामों और इससे होने वाले खतरों के बारे में चेतावनी दी गई थी.
क्या जरूरत से ज्यादा कम नमक होता है नुकसानदायक
गंभीर डाइटिंग और आहार में पोषक तत्वों का असंतुलन जानलेवा हो सकता है. इससे हाइपोनेट्रेमिया हो सकता है, ये ब्लड में सोडियम के निम्न स्तर के कारण होता है. हाइपोनेट्रेमिया के परिणामस्वरूप सिरदर्द, मतली, उल्टी, चक्कर आना, दौरे और यहां तक कि कोमा सहित कई प्रकार के संकेत और लक्षण हो सकते हैं.
लंबे समय तक डाइट में नमक न होने के नुकसान
नो-सोडियम डाइट का पालन करते हैं तो आपके शरीर के अंदर क्या होता है? चलिए जानते हैं. असल में नमक को सेहत के लिए बुरा माना जाता है, लेकिन ऐसा तब होता है जब आप इसका जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं. आपके शरीर को बहुत अधिक नमक की आवश्यकता नहीं है, लेकिन शरीर के अच्छे से काम करने के लिए नमक की थोड़ी मात्रा महत्वपूर्ण है. एक हालिया रिपोर्ट में, संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सिफारिश की है कि एक वयस्क को अपने दैनिक आहार में 5 ग्राम अतिरिक्त नमक अवश्य शामिल करना चाहिए.
लंबे समय तक कम नमक वाले आहार का सेवन करने से हाइपोनेट्रेमिया हो सकता है, जो एक चिकित्सीय विकार है. अत्यधिक परिस्थितियों में हाइपोनेट्रेमिया घातक हो सकता है. इस वजह से कोई भी नया आहार शुरू करने से पहले चिकित्सीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है.
अत्यधिक परहेज़ के दुष्प्रभाव क्या है
जब आप अत्यधिक डाइटिंग करते हैं तो क्या होता है? अत्यधिक डाइटिंग शारीरिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने के अलावा किसी के मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकती है. अत्यधिक परहेज़ करने से कुछ लोगों में चिंता, निराशा और भोजन के प्रति जुनून पैदा हो सकता है. वे व्यायाम और खान-पान के साथ अस्वास्थ्यकर संबंध भी बना सकते हैं.
संतुलित आहार बनाए रखने और अत्यधिक डाइटिंग से जुड़े जोखिमों से बचने के उपाय
एक स्वस्थ आहार का पालन करें जिसमें प्रत्येक श्रेणी के सभी खाद्य पदार्थ शामिल हों.
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, मीठे पेय पदार्थ और खराब वसा को सीमित करें.
खूब सारी ताजी सब्जियां, साबुत अनाज और फल खाएं.
लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें.
पर्याप्त तरल पदार्थ प्राप्त करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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