Low Sperm Count: डायबिटीज से मोटापा तक, इन 5 कारणों से कम होता है स्पर्म काउंट, न करें इग्नोर 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 28, 2023, 04:55 PM IST

डायबिटीज से मोटापा तक, इन 5 कारणों से कम होता है स्पर्म काउंट

What Causes Low Sperm Count: दुनियाभर में पुरुषों का स्पर्म काउंट तेजी से कम हो रहा है, इसकी सबसे बड़ी वजह ये 5 चीजें हैं. यहां जानिए इसके बारे में.

डीएनए हिंदीः आजकल की खराब लाइफ़स्टाइल, गड़बड़ खानपान की वजह से लोगों को कई तरह की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से एक है स्पर्म काउंट (Low Sperm Count) का कम होना. कई रिपोर्ट्स में ये खुलासा हुआ है कि दुनियाभर में पुरुषों का स्पर्म काउंट तेजी से कम हो रहा है. ऐसे में कम उम्र में लोगों को हो रही शारीरिक और मानसिक बीमारियों के चलते कपल्स के लिए नेचुरली कंसीव करना मुश्किल हो रहा है और इसकी वजह से कुछ लोगों के लिए मां-बाप बनना एक सपना हो गया है. स्पर्म काउंट कम होने के पीछे आपकी कुछ आदतें और बीमारियां भी हो सकती हैं. इसलिए समय रहते आपको इन समस्याओं (Testosterone levels) से छुटकारा पाने का तरीका खोज लेना चाहिए. आइए आपको बताते हैं ऐसी कौन सी वजहें हैं, जिसके कारण स्पर्म काउंट कम होता है.

डायबिटीज

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, टाइप 2 डायबिटीज का संबंध कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर और बांझपन से भी जुड़ा हुआ है. इसलिए डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करना चाहिए. इससे टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार हो सकता है और स्पर्म काउंट भी बढ़ सकता है. ऐसे में अगर आपको भी लगता है की आपका स्पर्म काउंट कम हो हो रहा है तो इस बात पर गौर जरूर करें.

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मोटापा भी है एक कारण 

बता दें कि कम शुक्राणुओं की संख्या शरीर में फैट जमने और बीएमआई अधिक (बॉडी मास इंडेक्स) होने से भी होती है. क्योंकि टेस्टोस्टेरोन ही शुक्राणु उत्पादन को बढ़ाता है लेकिन मोटापा के कारण टेस्टोस्टेरोन के स्तर (Testosterone levels) में कमी आती है. इसलिए जिन लोगों का वजन अधिक है उन लोगों को अपना वजन कम करना चाहिए, इससे स्पर्म काउंट बढ़ेगा और उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

प्रदूषण भी है जिम्मेदार

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ हवा की ख़राब गुणवत्ता के कारण जब हम सांस लेते हैं तो हवा में मौजूद पर्टिकुलेट मैटर अपने साथ पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन को लेकर हमारे अंदर प्रवेश कर जाते हैं, जो पुरुष के शुक्राणुओं के लिए नुकसानदायक होते हैं. बता दें कि सिर्फ स्पर्म काउंट कम होने के लिए प्रदूषण ही जिम्मेदार नहीं इसके अलावा व्यक्ति को सिगेरट शराब से भी दूर रहना चाहिए. 

धूम्रपान

धूम्रपान शुक्राणु की मात्रा और उनकी संख्या व गतिशीलता को प्रभावित करता है. बता दें कि सिगरेट पीने वाले पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम होने का पता चला है. इतना ही नहीं, धूम्रपान से सीमेन की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है और इससे स्पर्म काउंट इन-एक्टिव होने लगते हैं. इसलिए पुरुषों को धूम्रपान नहीं करना चाहिए.

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अल्कोहल

पुरुषों में सबसे मुख्य हार्मोन टेस्‍टोस्‍टेरोन (testosterone) माना जाता है और इसी हार्मोन के कारण पुरुष में स्पर्म अच्छी क्‍वॉल‍िटी का होना, बोन व मसल्‍स का बढ़ना, मस्‍कुल बॉडी आद‍ि फंक्‍शन होते हैं. लेकिन, आप अगर एल्कोहल का सेवन करेंगे तो ल‍िवर पर बुरा असर पड़ेगा, ज‍िसके कारण एंड्रोजन हॉर्मोन एस्‍ट्रोजन में बदल जाएगा और इससे इंफर्ट‍िल‍िटी (Infertility) की समस्या बढ़ेगी.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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